नए निर्णय के अनुसार, अब सक्षम प्राधिकारी निर्धारित (विहित) प्रक्रिया का पालन करते हुए सीधे भूमि का पुनर्निर्धारण कर सकेंगे। इससे भूमि उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया और अधिक सरल, तेज और पारदर्शी होने की उम्मीद है।
राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस फैसले का उद्देश्य अनावश्यक अनुमति प्रक्रिया को समाप्त करना और नागरिकों व निवेशकों को राहत देना है। इससे आवासीय, व्यावसायिक और अन्य विकास कार्यों को गति मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से नगर विस्तार वाले क्षेत्रों में जमीन से जुड़े मामलों में लंबे समय से चली आ रही प्रशासनिक जटिलताएं कम होंगी, साथ ही आम लोगों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। फिलहाल, राजस्व विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं, और संबंधित अधिकारियों को नए प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।