कोरबा। रविशंकर नगर अटल आवास के समीप की वास्तविक स्वरूप में सरकारी जमीन है लेकिन करोड़ो की जमीन के दो दावेदार प्रकट हो गए है। सूत्रों की माने तो करोड़ों रुपयों की जमीन को हड़पने के लिए शहर के कुछ नामी प्रॉपर्टी डीलर्स भोले भाले आदिवासियों को मोहरा बनाकर शासन-प्रशासन के साथ छल कर रहे हैं।
बता दें कि शहर के हृदय स्थल में हाइप्रोफाइल जमीन दलालों के फेर में शहर के शांत वातावरण में जहर घोल रही है। सूत्र बताते है कि रविशंकर के अटल आवास मुख्य मार्ग की जमीन पर प्रॉपर्टी डीलरों की गिद्धदृष्टि है। जमीन हड़पने के लिए एक निर्धारित पटकथा रचकर जिसमें जमीन मालिक एक भोले भाले आदिवासी को बताते हुए उसे मोहरा बनाकर पहले जमीन के खसरा नम्बर को सेट किया गया और फिर हुआ जमीन कब्जाने का खेल। बेशकीमती जमीन हथियाने के लिए एक आदिवासी को खड़ा कर सड़क किनारे की जमीन का कब्जा दिलाने सिविल शूट दायर किया गया । केस चलता रहा और इसी बीच जमीन पर बाउंड्रीवाल करा लिया गया।
नगर निगम कर चुका है कार्रवाई
सड़क किनारे की बेशकीमती जमीन पर कब्जा हो रहे जमीन की बेदखली के लिए राजस्व और नगर निगम की तोड़ू दस्ता की टीम पूर्व में कार्रवाई कर चुकी है। इसके बाद भी मौका पा कर बाउण्ड्रीवाल कर लिया गया है।
मूल दस्तावेज से होगा पर्दाफाश
खबरीलाल की माने तो सड़क किनारे की उक्त विवादित बेशकीमती जमीन के मूल दस्तावेज शहर के एक सामाजिक कार्यकर्ता के पास मौजूद है। मूल दस्तावेज रखने वाले सज्जन का कहना है कि जिला प्रशासन अगर उचित न्याय करती है तो दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।