कोरबा। मध्यभारत के जाने-माने कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ रवि जायसवाल बुधवार 3 अप्रैल को कोरबा में उपलब्ध रहेंगे। वे न्यू कोरबा हॉस्पिटल कोसाबाड़ी कोरबा में सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक मरीजों का चिकित्सा परीक्षण कर आवश्यक परामर्श प्रदान करेंगे। कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझने वाले असंख्य मरीजों को उन्होंने नया जीवन दिया है। क्षेत्र के नागरिक एनकेएच में डॉ. जायसवाल से जांच एवं परामर्श प्राप्त करने इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं।
सुप्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ, ऑन्कोलॉजिस्ट व हिमेटोऑन्कोलॉजिस्ट डॉ.रवि जायसवाल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण मध्य भारत के जाने माने कैंसर विशेषज्ञ हैं। ऑन्कोलॉजिस्ट व हिमेटोऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रवि वर्तमान में रामकृष्ण केयर हास्पिटल रायपुर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश के लोगों की सुविधा के मद्देनजर समय-समय पर वे प्रदेश के विभिन्न शहरों में पहुंचकर कैंसर रोग के संभावित मरीजों की जॉंच एवं उन्हें आवश्यक परामर्श उपलब्ध कराते हैं। इसी कड़ी में बुधवार 3 अप्रैल को डॉ. जायसवाल कोरबा पहुंचकर कोसाबाड़ी स्थित न्यू कोरबा हॉस्पिटल में सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक ओपीडी करेंगे। इस दौरान वे लोगों की जॉंच के साथ विभिन्न प्रकार के कैंसर के संभावित मरीजों को आवश्यक परामर्श सेवाएं प्रदान करेंगे। कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. रवि जायसवाल ने कम समय मे बड़ा नाम अर्जित किया है। कैंसर के विभिन्न रूपों तथा उनके सफलतम इलाज की गहरी समझ ने डॉ. रवि जायसवाल को इस मुकाम तक पहुंचाया। उनके अनुभव के बूते मुम्बई, सिकंदराबाद, बैंगलुरू, पुणे, हैदराबाद सहित अन्य बड़े शहरों के सुप्रसिद्ध कैंसर हॉस्पिटलों में ईलाज कराने के बाद मरीज डॉ. रवि जायसवाल के पास अपना आगे का इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
एमपी-ओडिशा, महाराष्ट्र और बिहार से पहुंचते हैं मरीज
एक सफल कैंसर रोग विशेषज्ञ की पहचान बनाने वाले डॉ. रवि जैसवाल मरीजों एवं परिजनों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं। मरीजों एवं उनके परिजनों से उनका आत्मीय व्यवहार काबिले तारीफ है। वे मरीजों को अपने चिकित्सा कौशल के साथ मानसिक व आर्थिक सपोर्ट भी प्रदान करते हैं। उनकी परेशानियों का उचित समाधान उपलब्ध कराते हैं। डॉ. रवि जायसवाल से मिलने व बात करने के पश्चात कैंसर मरीज एवं उनके परिजनों का आत्मविश्वास काफी बढ़ जाता है तथा कैंसर के प्रति उनके नजरिये में अत्यंत सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है। उनके सौम्य व्यवहार, लोकप्रियता एवं उनकी प्रोफेशनल सक्सेज के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों के कैंसर मरीज अपना इलाज कराने उनके पास पहुंचते है।