कोरबा। पहले मध्यप्रदेश और फिर छत्तीसगढ़ में उद्योग के रास्ते उन्नति के द्वार की परिकल्पना देने वाले महान फ्रीडम फाइटर व जननेता स्व बिसाहूदास महंत की इस वर्ष स्वर्णजयंती मनाई जाएगी। उनकी 100वीं जयंती को छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान व बिसाहूदास महंत स्मृति सेवा संस्थान द्वारा जन्म शताब्दी रुप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। स्व. महंत ने जनसेवा के लिए राजनीति में कदम रखा। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य गठन से लेकर अविभाजित मध्यप्रदेश में बांगो बांध के निर्माण की रूपरेखा भी उन्होंने ही लाई थी।
स्व महंत की जयंती पर यह समारोह 1 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा। दोपहर 1.30 बजे घंटाघर मार्ग स्थित बिसाहूदास महंत स्मृति उद्यान में उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण व श्रद्धासुमन अर्पित करने का कार्यक्रम होगा। इसके पश्चात दोपहर 2.30 बजे से राजीव गांधी ऑडिटोरियम इंदिरा स्टेडियम परिसर में जन्म शताब्दी कार्यक्रम में गणमान्यजन शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में स्व. बिसाहूदास महंत के सुपुत्र छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेताप्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत के अलावा पूर्व मंत्री, विधायक, प्रबुद्धजन, साहित्यकारों से लेकर विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में कार्य करने वाले विशेष तौर पर आतिथ्य प्रदान करेंगे। बिसाहूदास महंत स्मृति सेवा संस्थान ने नगर के गणमान्य व प्रबुद्धजनों से शताब्दी समारोह की आयोजित कार्यक्रमों में गरिमामय उपस्थिति प्रदान करने का आग्रह किया है।
एमपी-छग में खुले उन्नति के द्वार, अब पुत्र-पुत्रवधु बढ़ा रहे विकास की धारा
स्व महंत ही थे, जिन्होंने हसदेव नदी पर बांगो बांध की परिकल्पना दी थी। वे महान स्वतंत्रता सैनानी के तौर पर देश और शिक्षक की भूमिका में समाज के लिए अनुकरणीय योगदान दिए। हसदेव नदी पर बांगो बांध के निर्माण के बाद कोरबा जिले में औद्योगिक उन्नति के रास्ते खुले। जल व ताप आधारित विद्युत संयंत्र की स्थापना हुई। आज यह बांगो बांध न सिर्फ कोरबा, बल्कि जांजगीर-चांपा व अन्य जिलों के विकास में किसानों की प्रगति में सहायक है। निःसंदेह स्व.बिसाहूदास महंत ने एक राजनेता होने के नाते विभिन्न मंत्री पदों व मध्यप्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए विकास का जो खाका तैयार किया, उस पर मध्यप्रदेश और बाद में छत्तीसगढ़ राज्य विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। उनके विकास की गाथा को पुत्र डॉ.चरणदास महंत एवं पुत्रवधु श्रीमती ज्योत्सना महंत निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं।