
कोरबा। केन्द्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी (Coal Minister G Kishan Reddy) ने एसईसीएल (SECL) गेवरा दौरे के दौरान मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कोयला खदानों से हाई सिक्युरिटी के बाद भी हो रहे कोयले की चोरी पर पल्ला झाड़ते हुए कहा कि लॉ एंड ऑर्डर स्टेट गर्वमेंट का है। इसके लिए लिए सीएम से मिलकर चर्चा करूंगा।
कहने को तो कोल माइंस की सिक्योरिटी इतनी टाइट है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता। इसके बाद भी डीजल चोर रात में कोयला निकालकर खदान में शोर मचा रहे हैं। सूत्रों की माने कोल माफिया प्रबंधन के नुमाइंदों को सेट कर काले हीरे की तस्करी कर रहे हैं। कहने को तो सूबे में सरकार बदलने के बाद कोयले की चोरी बंद हो चुकी है। मगर बीते दिनों खदान के भीतर हुए गैंगवार ने लोगो की आशंका को सत्य सिद्ध करने के लिए एक बड़ा आधार दे दिया है।
कोयला खदान में चल रही लूट पर वर्षो पुरानी आई फिल्म ” अमर प्रेम” का गाना “चिंगारी कोई भड़के तो सावन उसे बुझाए , सावन जब आग लगाए तो उसे कौन बुझाए !!“… सटीक बैठता है। क्योकि, इसी शैली में कोयला खदान की सुरक्षा व्यवस्था भी नजर आ रही है जहां सुरक्षा के सिपहसालार चोरो के यार बन रहे हैं।
जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो भला उस संपत्ति की सुरक्षा की कल्पना कैसे की जा सकती है? कहा तो यह भी जा रहा है कि कोयला खदान तो है ही “माल.ए.मुफ्त दिल.ए. बेरहम” जो कोई भी आ रहा है लूट कर जा रहा है और लूटे भी क्यों न क्योंकि नेता, अफसरों के लिए खदान अब खुला खजाना बन गया है।
अधिकारियों की संपत्ति बन रही हो तो तो फिर भला उन्हें कोयले की दलाली में कैसी आपत्ति !! सुरक्षा गार्ड ठहरे कठपुतली, जैसे प्रबंधन का आदेश वैसे ही उनके बंदूक का मूवमेंट। बहरहाल हाई सिक्योरिटी के बाद भी कोयले की लूट जारी है और सब एक दूसरे पर दोषारोपण कर अपने कर्तव्यों इतिश्री कर बचने का प्रयास कर रहे है। तभी तो कहावत है चोर चोर मौसेरे भाई …. !