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Korba: भाजपा के महापौर दावेदारों का सपना चकनाचूर.. निगम चुनाव में जयचंद निभाएंगे अहम भूमिका…

कोरबा। नगर निगम महापौर के आरक्षण बाद भाजपा के दावेदारों का सपना चकनाचूर हो गया है। मेयर की सीट महिला के लिए आरक्षित होने की खबर के बाद राजनीति के चाणक्य कहने लगे है इस चुनाव जयचंद अहम रोल निभाएंगे।

 

बता दें कि शहर सरकार प्रदेश के सबसे अमीर नगर निगम में मेयर की कुर्सी अब सामान्य महिला के लिए आरक्षित हो चुकी है। नगरी निकाय की ओर से जारी आरक्षण सूची में यह बदलाव हुआ है। शहर की सत्ता महिलाओ के नाम होने से भाजपा पुरुष वर्ग के महापौर दावेदारो का सपना चकनाचूर हो गया है।

 

नगर पालिक निगम कोरबा को सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है। ये तीसरा मौका होगा जब कोरबा नगर निगम की बागडोर महिला के हाथ होगी। कोरबा नगर निगम का गठन 1998 में हुआ। निगम के पहले चुनाव में महापौर का पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित था और बीजेपी की महिला उम्मीदवार श्याम कंवर ने कांग्रेस के डॉ कंवर को हरा कर प्रथम महापौर का गौरव हासिल किया।बीजेपी के ही युवा नेता रामनारायण सोनी पहले सभापति बने थे। इसके बाद 2014 में भी कोरबा निगम में महापौर का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ और तब के कोरबा से कांग्रेस विधायक जयसिंह अग्रवाल की धर्मपत्नी रेणु अग्रवाल बीजेपी की हरिकांति दुबे को हर कर महापौर बनी। यह पहला मौका था जब लगातार तीन बार बीजेपी की जीत के बाद कोरबा निगम में कांग्रेस को जीत मिली। श्याम कंवर के बाद अभी के उद्योगमंत्री लखन लाल देवांगन और फिर बीजेपी के ही जोगेश लांबा महापौर बने।पिछला चुनाव में महापौर को मतदाताओं ने नहीं निर्वाचित पार्षदों ने चुना।और राजकिशोर प्रसाद महापौर बने।तब यह पद ओबीसी के लिए रिजर्व था।सामान्य महिला के लिए आरक्षित होने के बाद बीजेपी,कांग्रेस के उन नेताओं में मायूसी है,जो इस चुनाव में अपनी जुगत लगाने में लगे थे।

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