कोरबा। नौकरी, मुआवजा और सर्व सुविधायुक्त बसाहट समेत विभिन्न बुनियादी मांगों को लेकर बड़ी संख्या में भूविस्थापित परिवार दशकों से आंदोलन करने विवश हैं। उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। उनकी इस चेतावनी से घबराए एसईसीएल प्रबंधन ने मनाने की पहल की है। अफसरों की अलग अलग टीमें सोमवार को भूविस्थापितों के पास पहुंचे थे।अफसरों का दावा है कि प्रभावितों को उनकी समस्याओं के जल्द से जल्द निराकरण का वादा किया गया है और उन्हें बहिष्कार की हठ छोड़कर शत प्रतिशत मतदान में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जिले के कुसमुंडा खदान प्रभावित लगभग 9 गांवों के ग्रामीणों ने कल 7 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही है। हालांकि इस बात पर ग्रामीणों में दो मत हैं। जहां एक गुट चुनाव बहिष्कार की बात कर रहा है। वहीं अन्य चुनाव में अपनी सहभागिता निभाने को तैयार बताए जा रहे हैं। कुसमुंडा प्रबंधन द्वारा आज सोमवार को अधिकारियों की तीन अलग अलग टीम बनाकर खदान से लगे आसपास के गांवों में भेजा गया है। वे सभी अधिकारी ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनते हुए जल्द से जल्द निपटारे की भी बात कह रहें हैं। इसके साथ ही लोकतंत्र के महापर्व में शामिल होकर मतदान करने की अपील भी कर रहें हैं। आपको बता दें पाली, जटराज सोनपुरी सहित लगभग नौ गांवों के ग्रामीणों ने लंबित रोजगार, बसाहट, मुआवजा सहित कई समस्याओं को लेकर लोकसभा चुनाव बहिष्कार की बात कही है। कुसमुंडा प्रबंधन के अधिकारियों ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में इन गांवों से सैकड़ों की संख्या में बेरोजगारों को खदान के ठेका कंपनी में रोजगार सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा लगभग 109 लोगों को एसईसीएल में स्थाई विभागीय नौकरी भी प्रदान की गई है। बसाहट के लिए सर्वमंगला डंपिंग, बरमपुर डंपिंग,खमरिया ग्राम, सर्वमंगला नगर, की जमीन व्यवस्थित की जा रही है। आगे आने वाले समय में पात्र ग्रामीणों के स्थाई नौकरी की प्रक्रिया भी जारी है। जल्द ही खदान प्रभावित ग्रामीणों की समस्या को सुलझा लिया जावेगा। कुसमुंडा क्षेत्रीय महाप्रबंधक राजीव सिंह ने अपने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व ग्रामीणों से शत प्रतिशत मतदान करने की अपील की हैं।