
कोरबा। नगर निगम में इन दिनों कुछ नए किस्म का विकास देखने को मिल रहा है। फिल्म ‘दूर गगन की छांव में’ का मशहूर गीत “कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन” नगर निगम के ठेकेदारों की जुबान पर चढ़ा है। वजह भी खास है पहले जहां कमीशन के लिए कोई फोर्स नहीं करता था, अब सीधे बंगले से फोन घनघना रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि निगम में बिल पास होने के बाद ठेकेदारों को तयशुदा ‘हिसाब’ के लिए अब ऊंचे बंगले से कॉल आने लगे हैं। पुराने दिनों की सहज व्यवस्था को याद करते हुए कई ठेकेदार उस दौर को “सुनहरा” बताते हैं, जब एक ईमानदार आयुक्त के चलते कमीशन का नाम लेना भी गुनाह समझा जाता था। वही ठेकेदार अब सरकार बदलने के साथ सिस्टम बदलने की बात करते हुए कहते हैं “अब काम के पहले दाम… और एडीजे की डिमांड अलग!”
नगर निगम के गलियारों में चर्चा है कि ठेकेदार अब आपस में खुसुर-फुसुर करते हुए कहते नजर आते हैं “क्या जमाना आ गया है भाई, अब तो कमीशन के लिए भी तकाजा!”
कहते हैं, “बदलाव ही जीवन का नियम है।” शायद यही कारण है कि ‘भुगतान से पहले चढ़ावा’ जैसी नई परंपरा भी जल्द शुरू होने वाली है और इसे भी “प्रशासनिक नवाचार” कहा जाएगा!
वैसे, सरकार का नारा है “सबका साथ, सबका विकास” तो ऐसे में बंगले से फोन आना भी तो विकास का ही हिस्सा है…!



