कोरबा। नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को ऋतु चौरसिया की शिकायत पर जिला स्तरीय छानबीन समिति द्वारा विस्तृत जांच हेतु प्रेषित प्रकरण पर आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया है।
महापौर चुनाव के वक्त भाजपा से प्रत्याशी रही ऋतु चौरसिया के द्वारा महापौर राजकिशोर प्रसाद के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पर के लिए भाजपा नेत्री ऋतु चौरसिया मार्च 2024 में जिला स्तरीय प्रमाण पत्र करने का आरोप लगाया था, जिसे सिद्ध करने 5 साल का वक्त लग गया। ज्ञात रहे कि छानबीन समिति द्वारा राज किशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर विस्तृत जांच हेतु मामला प्रदेश स्तरीय समिति को प्रेषित कर दिया गया था।
प्रदेश स्तरीय छानबीन समिति में भी राज किशोर प्रसाद अपना पक्ष साबित करने में असफल रहे। अंततः उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के द्वारा महापौर राजकिशोर प्रसाद की जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया है।
इस पर मीडिया से चर्चा करते हुए ऋतु चौरसिया ने बताया कि यह सच्चाई की जीत है, आखिरकार महापौर के झूठ का नकाब कोरबा के लोगों के सामने उतर गया है और उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। इतनी लंबी लड़ाई के बाद जीत मिलना यह कोरबा की जनता की जीत है, जो महापौर राजकिशोर प्रसाद के कार्यकाल के दौरान अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के सामने तीन बार उन्हे तथा राजकिशोर प्रसाद को जाति को लेकर अपना पक्ष रखने बुलाया गया था। समिति के द्वारा दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात आखिरकार सत्य की जीत हुई और समिति ने महापौर राजकिशोर प्रसाद की जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने हेतु जिला कलेक्टर, उपपुलिस अधीक्षक, विजलेंस सेल को निर्देश दिया है।
कानूनी कार्यवाही करने के लिए अगर फर्जी ओबीसी प्रमाणपत्र को लेकर अगर याचिका दायर करती है तो इस विषय पर न्यायालय सजा भी दे सकती है क्योंकि सीधे सीधे यह आमजन के साथ छल करने के साथ ही शासकीय पद के दुरुपयोग का प्रकरण है। प्रश्न यहां पर यह उठता है कि भाजपा में ऐसा करने के लिए दम दिखाएगा कौन..?