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Korba : कोरबा नगर निगम में ठेकेदारों-कॉलोनाइजर को करोड़ों का फायदा पंहुचाने का खुलासा..3 करोड़ का घोटाला…

कोरबा। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को महालेखाकार (CAG) की रिपोर्ट पेश की गई। ये रिपोर्ट प्रदेश के नगरीय निकायों के फाइनेंशियल ऑडिट पर आधारित थी। रिपोर्ट में सबसे ज्यादा गड़बड़ी कोरबा नगर निगम की पाई गई है। यह रिपोर्ट 2016 से 2022 के बीच शहरी निकायों में हुई वित्तीय अनियमितताओं पर है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि, ठेकेदारों और कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने की वजह से निकायों की वित्तीय स्थिति कमजोर बनी रही। कचरा प्रबंधन में भी गंभीर लापरवाही पाई गईं। महालेखाकार ने बताया कि, स्थानीय निकायों में कचरे के संग्रहण, पृथक्करण और प्रसंस्करण के लिए आवश्यक मानव संसाधन नहीं थे। इससे स्वच्छता व्यवस्था चरमरा गई और शहरी क्षेत्रों में गंदगी की समस्या बढ़ती गई।

 

कोरबा निगम को लेकर CAG की शॉर्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि, कॉलोनाइजरों को 1.54 करोड़ रुपए का अनुचित वित्तीय लाभ दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए वैकल्पिक भूमि हस्तांतरण में गड़बड़ी कर कॉलोनाइजरों को 1.54 करोड़ रुपए का अनुचित वित्तीय लाभ दिया गया।

कोरबा नगर निगम में तीन कॉलोनाइजरों से 75.77 लाख रुपए की राशि कम वसूली गई, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा। इसी तरह, एक ठेकेदार को प्री-स्ट्रेस्ड सीमेंट पाइप्स की आपूर्ति के लिए ऊंची दरों पर भुगतान किया गया, जिससे सरकार को 7.88 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय उठाना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना योजना और आवश्यकता के 3 करोड़ रुपए की खरीदारी की गई।

कोरबा नगर निगम में सरकारी राजस्व को नुकसान

कोरबा निगम में 3 कॉलोनाइजरों से 75.77 लाख रुपये की राशि कम वसूली गई
कोरबा नगर निगम में तीन कॉलोनाइजरों से 75.77 लाख रुपये की राशि कम वसूली गई, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा। इसी तरह, एक ठेकेदार को प्री-स्ट्रेस्ड सीमेंट पाइप्स की आपूर्ति के लिए ऊंची दरों पर भुगतान किया गया, जिससे सरकार को 7.88 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय उठाना पड़ा।

महालेखाकार ने यह भी उजागर किया कि कई नगर निकायों में बिना किसी योजना के बुनियादी ढांचा विकसित किया गया, जिससे 369.98 लाख रुपये की राशि निष्फल हो गई।

कोरबा नगर निगम में अनियमित भुगतान

 

कोरबा नगर निगम ने एक ठेकेदार को 7.88 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया। यह वित्तीय नियमों के उल्लंघन का मामला है, जिससे सरकारी फंड का दुरुपयोग स्पष्ट होता है।

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