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Korba: कटघोरा कांग्रेस भाजपा के कारोबारियों को राहत, हाईकोर्ट ने 24 घंटे के भीतर दुकान से ताला खोलने का दिया आदेश

कोरबा। कटघोरा के कांग्रेस और भाजपा नेताओं को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी हैं। कोर्ट ने प्रशासन को दुकान से 24 घण्टे के भीतर ताला हटाने का आदेश दिया है। पक्ष में हुए आदेश के बाद बेशकीमती जमीन पर दुकान संचालकों ने राहत की सांस ली है।

 

बता दें कि जनपद पंचायत के विवादित जमीन पर दुकान संचालन करने वाले कारोबारियों को उस समय बड़ा झटका लगा, जब प्रसाशनिक टीम ने मंगलवार की सुबह दुकान में ताला जड़ दिया। दुकान सील होने आहत कारोबारियों ने हाईकोर्ट की शरण लेते हुए न्याय की गुहार लगाई।

 

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकील ने न्यायाधीश को अवगत कराया कि इनके पक्ष में लीज डीड निष्पादित होने के बाद, उन्होंने और कई अन्य लोगों ने इस पर विभिन्न दुकानों का निर्माण किया और मेडिकल शॉप, चाय की दुकान आदि चला रहे हैं और अपनी आजीविका कमा रहे हैं। उनकी दुकानों को प्रतिवादी द्वारा सील कर दिया गया है,इसलिए याचिकाकर्ताओं को उनकी दुकानों की सील खोलकर अंतरिम संरक्षण प्रदान किया जाए, ताकि याचिकाकर्ताओं और उनके परिवार के सदस्यों को अपनी आजीविका के लिए समस्या का सामना न करना पड़े। इसके विपरीत, प्रतिवादी/राज्य के विद्वान वकील ने पक्ष प्रस्तुत किया कि, प्रश्नगत पट्टा विलेख जनपद पंचायत, कटघोरा द्वारा 10 वर्षों के लिए निष्पादित किया गया था, जो कि छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 की धारा 65 के प्रावधानों के विरुद्ध है क्योंकि जनपद पंचायत केवल 7 वर्षों के लिए पट्टा प्रदान कर सकती है। इसके अलावा, प्रतिवादी क्रमांक 4 (कलेक्टर) को छत्तीसगढ़ पंचायत (अपील और पुनरीक्षण) नियम, 1995 के नियम 5 के प्रावधानों के अनुसार अपील दायर करने का अधिकार है। इसलिए, याचिकाकर्ताओं को अंतरिम संरक्षण प्रदान नहीं किया जा सकता है। दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुनने और अभिलेख पर उपलब्ध सामग्री का अवलोकन करने के बाद, न्यायाधीश एन के चन्द्रवंशी ने विशेष रूप से इस तथ्य पर विचार करते हुए कि याचिकाकर्ता विवादित भूमि पर अपनी आजीविका कमाने के लिए विभिन्न दुकानें चला रहे हैं और यह भी विचार करते हुए कि भूमि को जनपद पंचायत, कटघोरा द्वारा पंजीकृत पट्टा विलेख के माध्यम से आवंटित किया गया था, इसकी वैधता पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जा सकता है, लेकिन इस स्तर पर, मैं अंतरिम संरक्षण प्रदान करने के लिए इच्छुक महसूस करता हूं, इसलिए, द्वारा पारित दिनांक 13-12-2024 का विवादित आदेश (अनुलग्नक पी-1) प्रतिवादी संख्या 1(छत्तीसगढ़ राज्य के माध्यम से-सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय, रायपुर) अगली सुनवाई की तारीख तक स्थगित रहेगा और यह भी निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ताओं की दुकानों को इस समय से 24 घंटे के भीतर यानी आज शाम 4.45 बजे तक खोल दिया जाए। विद्वान उप महाधिवक्ता को निर्देश दिया जाता है कि वे प्रतिवादी अधिकारियों को इस आदेश के बारे में सूचित करें और इसका अनुपालन भी सुनिश्चित करें। मामले को 5-2-2025 को सूची बद्ध करने की बात कही।

 

 

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