सतीश अग्रवाल
कोरबा। उच्च प्रकाश में ही भरपूर बढ़त लेता है कदंब। यह जानना भी दिलचस्प होगा कि यह मानव ही नहीं, मिट्टी को भी सेहतमंद बनाता है। यही वजह है कि पौधरोपण में इसकी जगह निरंतर फैल रही है।
जलवायु परिवर्तन और बढ़ता तापमान सभी क्षेत्रों में असर डाल रहा है। कदंब शायद इकलौती ऐसी प्रजाति है, जिसे बेफिक्र देखा जा रहा है। प्रकृति ने कदंब को शायद ऐसी ही स्थितियों के लिए बनाया है। तभी तो इसे पौध रोपण में बड़ी जगह दी जा रही है। सबसे अहम यह कि कदंब मानव के साथ मिट्टी की भी सेहत सुधारने में मदद करता है। साथ ही सूखे दिनों में यह पत्तियों के रूप में हरा चारा की पहुंच पशुओं तक सुरक्षित करता है।
आया समय बोनी का
फरवरी और मार्च के महीने में बोनी की जा सकती है। नर्सरी तैयार की जाने के बाद मात्र 4 से 5 माह की उम्र में पौधों का रोपण किया जा सकता है। खरपतवार नियंत्रण पहली शर्त होती है। 2 वर्ष की उम्र में पहला, 5 वर्ष की उम्र में दूसरा और 8 वर्ष की उम्र , तीसरा विरलीकरण याने कटाई के लिए सही समय माने गए हैं।
चाहिए उच्च प्रकाश
कदंब के पेड़ की बढ़वार के लिए निरंतर उच्च प्रकाश का होना बेहद अहम माना गया है। यानी यह बढ़ते तापमान में भी तैयार होने में सक्षम है। अनुसंधान में हुए इस खुलासे ने पौधरोपण की बनी योजना की राह में वह बड़ी बाधा दूर कर दी है, जो तैयार करने में पानी के रूप में सामने आती है।
बनाता है मिट्टी को स्वस्थ
कदंब की पत्तियों में जो मेडिशनल प्रॉपर्टीज मिले हैं उनसे बीमार होती मिट्टी को फिर से सेहतमंद बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सूखे दिनों में भी हरे रहने वाली पत्तियां, पशु आहार की चिंता दूर करने में मददगार मानी जा रही है। यह गौशाला और पालतू मवेशी पालको के लिए राहत है, जो खुले बाजार से पशु आहार खरीदते हैं।
रोकता है मोटापा
बदलती खानपान की शैली और दिनचर्या की वजह से आमजन बढ़ते वजन, कमजोर होना, पाचन तंत्र, लीवर की समस्या, पेट दर्द, पेचिश, उल्टी, दस्त जैसी समस्या का सामना कर रहें हैं, उनके लिए कदंब की जड़, पत्तियां और छाल अमृत से कम नहीं है। रिसर्च में इसमें एनाल्जेसिक, एंटी इन्फ्लेमेटरी, क्लोरोजेनिक, एंटीमाइक्रोबॉयल और एंटीफंगल जैसी मेडिशनल प्रॉपर्टीज का होना पाया गया है। यह कई तरह की व्याधियां दूर करते हैं।
औद्योगिक उपयोग
कदंब की लकड़ियों की खरीदी इस समय बहुतायत मात्रा में पेपर इंडस्ट्रीज कर रहीं हैं। इसके अलावा माचिस की तीली भी बनाई जाती है। नक्काशीदार जालियां बनाने वाली इंडस्ट्रीज भी खरीदी कर रहीं हैं। पेंसिल यूनिटों के साथ पैक्ड वुडन इकाइयां भी कदंब की लकड़ियों की बड़ी खरीददार हैं। ग्रेड-4 का प्लाईवुड भी कदंब की लकड़ियों से ही बनाया जाता हैं।