कोरबा। बिजली विभाग के अधिकारियों के लिए शायद कर्मियों की जान की कोई कीमत नहीं। यही वजह है जो खुद को खतरे में डालकर उन्हें बिना समुचित सुरक्षा इंतजाम के खंभे पर हाई टेंशन लाइन का काम करना पड़ रहा है। सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाते बिना सुरक्षा उपकरणों के काम कराया जा रहा है, जो न केवल उनकी जिंदगी से खिलवाड़ के जैसा है, सुरक्षा मानकों को नजरंदाज कर कंपनी के अफसर एक तरह से अपराध में भागीदार बन रहे हैं। ऐसे में अगर दुर्भाग्य से कोई हादसा होता है, तो इसकी जिम्मेदारी किसके सिर होगा, यह तो विभागीय अधिकारी ही बता सकते हैं।
हर माह जिले के उपभोक्ताओं से करोड़ों का बिजली बिल वसूल करने वाले बिजली विभाग के जिम्मेदार अफसरों की मनमानी चरम पर है। उनके इस तरह सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर कर्मचारियों की जिंदगी के प्रति की जा रही लापरवाही बड़े खतरे का कारण भी बन सकती है। जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते कंपनी के संविदा व आउटसोर्सिंग के कर्मचारी बिना सुरक्षा किट के बिजली के खंभों पर चढ़कर काम करते देखे जा रहे हैं। सुरक्षा उपकरण के अभाव में काम के दौरान की जिले में पूर्व में कई गंभीर घटनाएं हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार अफसर इनकी जान से खिलवाड़ करते हुए उन्हें अनिवार्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए बगैर काम ले रहे हैं। जिससे किसी अनहोनी की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस लापरवाही से ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग के लिए इन कर्मचारियों की जान कोई मायने नहीं रखती। नियमानुसार बिजली के खंभे पर केवल लाइनमैन ही चढ़ सकता है। लेकिन विभाग और कंपनी के ठेकेदार द्वारा संविदा कर्मचारियों को खंभे पर चढ़ाकर भी कार्य कराया जाता है। नियमानुसार इस तरह के बिजली संबंधी तकनीकी कार्य करने कर्मियों के लिए रबर के दस्ताने, प्लास, पेंचकस, टेस्टर, झूला के साथ सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट, जूता अनिवार्य है। इन तस्वीरों से साफ नजर आता है कि ये कर्मी बिना सुरक्षा उपकरण या बिना सेफ्टी बेल्ट के ही 30 से 40 फीट ऊंचाई पर काम करने विवश हैं।