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Korba : पिता का सपना पूरा कर सिविल जज बनी प्रीति ने कोरबा को किया गौरांवित

कोरबा। जिले होनहार युवा प्रीति पालीवाल ने कड़ी मेहनत और लम्बे संघर्ष के बाद वह पा लिया, जिसका सपना वर्षों पहले उनके पिता ने देखा था। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त कर प्रीति सिविल जज बन गई हैं।

कड़ी मेहनत हमेशा रंग लाती है। इस बात को जिले की बेटी प्रीति ने साबित कर दिखाया है। जिला अधिवक्ता संघ के सदस्य, पब्लिक नोटरी, वरिष्ठ अधिवक्ता और पत्रकार राजेंद्र कुमार पालीवाल की पुत्री प्रीति ने कड़ी मेहनत कर बड़ी सफलता पाई है। व्यवहार न्यायाधीश का गौरवपूर्ण ओहदा हासिल कर आज वह युवाओं की प्रेरणा स्त्रोत बन गई है। प्रीति ने पूरे प्रदेश में सिविल जज एग्जाम में 48वां रैंक हासिल किया है। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए 43 वर्षीय प्रीति कहती हैं कि थोड़ा वक्त लगा, कभी-कभी थोड़ा डर लगता था, लेकिन खुद पर भरोसा इतना था कि आखिर मंजिल मिल ही गई। जज बनने की प्रेरणा उन्हें अपने अधिवक्ता पिता से मिली, जिनके सतत प्रोत्साहन ने उन्हें सही रास्ता दिखाया और इस मुकाम पर पहुंचने में मदद की। उन्होंने न केवल अपने पिता के सपने को पूरा किया, बल्कि अपनी इस उपलब्धि से समूचे कोरबा जिले के लिए भी गौरव हासिल किया है।

अथाह धैर्य और लक्ष्य पर फोकस ही आपकी ताकत है: प्रीति

प्रीति ने कहा कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति अडिग हैं, तो यही धैर्य और खुद को फोकस रखने का हुनर ही काम आता है, जो आपकी ताकत बनता है। बेहिसाब असफलताओं के बीच इस एक सफलता का इंतजार कभी आपको रुकने नहीं देता। अपनी सफलता का मंत्र बताते हुए सिविल जज (व्यवहार न्यायाधीश) और अन्य प्रतियोगी परीक्षा में चयन होने के लिए कुछ टिप्स भी युवाओं को दिए हैं। प्रीति कहती हैं कि निष्ठा और खुद के प्रति ईमानदार रहें, तो सफलता हासिल कर सकते हैं। इंटरनेट में मिलने वाली सामग्री का बेहतर प्रयोग कर अपनी दक्षता बढ़ा सकते हैं।

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