कोरबा। संकेत मौसम का। सर्दी- खांसी, बुखार और सिरदर्द से राहत दिलाने वाली दवाइयों के दाम दोगुने हो चले हैं। हद तो तब, जब शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली दवाइयों की भी कीमत हर 2 दिन में बढ़ जा रही है।
हलाकान हैं मरीज। परेशान हैं दवाई दुकानदार क्योंकि कीमत बढ़ता देखकर मरीज उतनी ही दवाइयां खरीद रहे हैं, जितने में मर्ज को दूर रखा जा सकता है। इसके अलावा खान-पान और दैनिक दिनचर्या में परहेज की गंभीरता भी मरीज दिखा रहे हैं।
हर 2 दिन में बढ़ रही कीमत
सर्दी, खांसी, बुखार और सिर दर्द। एक दूसरे से संबंधित इन स्वास्थ्यगत समस्याओं के दिन आ चुके हैं। मरीजों का आना चालू हो चुका है। इनकी संख्या भी लगभग दोगुनी हो चुकी है लेकिन राहत पहुंचाने वाले टैबलेट, कैप्सूल और सिरप के दाम हर दो दिन बाद बढ़ जा रहे हैं। हतप्रभ हैं दुकानें और मरीज क्योंकि यह पहली बार होता हुआ देख रहे हैं। अनिवार्य है इसलिए खामोशी से खरीदी जा रही है।
यह दवाएं भी डबल
मौसमी बीमारियों की तरह शुगर और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने वाली दवाइयों की कीमत भी दोगुनी हो चुकी है। इसमें भी हर तीसरे दिन नई और बढ़ी हुई कीमत आ रही है। काबू में रखना है इन बीमारियों को इसलिए सलाह के अनुसार दवाई खरीदी जा रही हैं। सुखद बदलाव यह कि, अब मरीज खानपान और दिनचर्या के लिए जरूरी सलाह पर गंभीरता से अमल करने लगे हैं।
बता रहे यह वजह
बढ़ी हुई कीमत को लेकर दवा दुकानों का कहना है कि दवाओं के लिए जरूरी रॉ-मटेरियल की कीमत भी बढ़ रही है। भारतीय मुद्रा की कमजोर होती स्थिति की वजह से दवा निर्माता इकाइयों को आयातित राॅ-मटेरियल के लिए भुगतान अपेक्षाकृत ज्यादा देना पड़ रहा है। इन सभी स्थितियों की वजह से, इन दवाओं की कीमत बढ़ रही है।