
कोरबा। जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। 18 साल की आदिवासी युवती को 11 सितंबर को शहर के निजी डीके अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को उसकी डिलीवरी कराई गई, लेकिन इसके बाद उसकी हालत नाजुक हो गई। फिलहाल वह गंभीर स्थिति में इलाजरत है।
अस्पताल प्रबंधन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को तुरंत सूचना दी और लिखित नोटिस भी भेजा। इसके बावजूद पुलिस की धीमी कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि न तो अस्पताल को सुरक्षा घेरे में लिया गया और न ही अब तक कोई ठोस कदम सामने आया है।
मामला कहाँ फंसा है?
यह केस POCSO एक्ट और बलात्कार/शोषण के दायरे में आ सकता है। कानून के मुताबिक 18 साल से कम उम्र में यौन संबंध और गर्भधारण अपराध है। युवती की उम्र 18 साल बताई जा रही है, लेकिन इसकी पुष्टि मेडिकल जांच से ही होगी। भले ही शादीशुदा हो, पुलिस को यह जांचना जरूरी है कि मामला कहीं दबाव या शोषण का तो नहीं है।
उठ रहे सवाल
- क्या युवती नाबालिग है और उससे शोषण हुआ है?
- आरोपी कौन है और पुलिस ने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की?
- क्या अस्पताल में सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है?
- फिलहाल युवती का इलाज जारी है, लेकिन पुलिस की धीमी पड़ताल ने पूरे मामले को संदेहों के घेरे में ला दिया है।
सीएसपी ने कहा चल रही जांच
इस मामले पर कोरबा सीएसपी भूषण एक्का ने कहा, “अस्पताल ने डिलीवरी के दौरान युवती की हालत बिगड़ने की सूचना दी थी। मामले की जांच की जा रही है।”



