
कोरबा। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सरकार अब पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। “बने खाबो, बने रहबो” अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 4 अगस्त से 6 अगस्त तक खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा सघन जांच अभियान चलाया गया। इस महाअभियान की शुरुआत रायपुर से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया और खाद्य नियंत्रक दीपक अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर की।
कोरबा जिले में इस अभियान की गूंज खास रही। निहारिका स्थित पाठक स्वीट्स, कोशाबाड़ी स्थित वैभव स्वीट्स, रवि डेयरी निहारिका, उपनगरीय कटघोरा स्थित मुरली होटल और शारदा स्वीट्स कटघोरा जैसे नामी प्रतिष्ठानों से बेसन लड्डू, पेड़ा, बूंदी लड्डू, मिल्क केक, कलाकंद, नारियल लड्डू, मथुरा पेड़ा आदि के नमूने लेकर जांच के लिए फूड टेस्टिंग लैब, रायपुर भेजे गए हैं।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य केवल मिलावट पकड़ना नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अभियान के अंतर्गत निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है:
डेयरी, होटल व रेस्टोरेंट में खाद्य व अखाद्य रंगों की जांच
- अखबार में खाना परोसने पर रोक
- पैकेजिंग मटेरियल की गुणवत्ता
- खाद्य तेल की शुद्धता
- FSSAI मार्क वाले उत्पादों का उपयोग
- उत्पाद की बेस्ट बिफोर डेट की निगरानी
- फूड हैंडलर्स को FSSAI नियमों की जानकारी देना
- किचन की साफ-सफाई व हाइजीन बनाए रखना
- “स्वस्थ भोजन, सुरक्षित भविष्य” की सोच के साथ यह अभियान आम जनता को जागरूक करने और व्यवसायियों में जिम्मेदारी की भावना लाने की दिशा में एक सशक्त कदम है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर किसी उत्पाद में मिलावट या मानकों की अनदेखी पाई जाती है तो संबंधित प्रतिष्ठानों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मुहिम एक संदेश है कि स्वस्थ छत्तीसगढ़ की नींव शुद्ध भोजन से ही रखी जा सकती है।