कोरबा। खबर है कि जिले के तेज तर्रार आरटीओ और पुलिस टीम शनिवार को बस चालकों की साढ़े साती बनकर सड़क पर उतरे। इस बीच निरीह चालकों पर नियम कानून झड़ते हुए खूब चमकाइश दी गई। पर नियम कायदे अपनी जेब में लेकर घूमते उन ट्रांसपोर्टरों का क्या, जिनकी मनमानी पर मौत बनकर दौड़ते ओवरलोड भारी वाहन सड़क पर हादसों की भरमार किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिले में संचालित गिनकर 100 बसों में शनिवार को ही 30 को धर लिया गया और उधर हजारों की संख्या में सड़क को पार्किंग बनाए शहरवासियों की जिंदगी मुश्किल कर रखे हाइवा -ट्रेलरों पर साहब की मेहरबानियां न जाने क्यों बरस रहीं हैं।
कहा जा रहा है कि रायपुर के कुम्हारी में हुए भीषण सड़क हादसे से सबक लेते हुए कोरबा आरटीओ और पुलिस ने शनिवार को जिले के विभिन्न चौक-चौराहे पर बसों की जांच की। इस दौरान 30 बसों की फिटनेस जांची गई। इसमें सभी बसों के फिटनेस परमिट और डॉक्यूमेंट्स खंगाले गए। इसमें बस चालको पर कार्रवाई तो की गई, लेकिन ओवर लोड परिवहन करने वाले ट्रांस्पोर्टरों की मनमानी को नजरंदाज किया जाना आम लोगों, बाइक कार चालकों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है, जिसे शासन प्रशासन समझने को तैयार नहीं दिख रही है। हालांकि कोरबा डीटीओ विवेक सिन्हा ने कहा कि ये जांच अभियान आगे भी जारी रहेगी। अगर दस्तावेजी या फिटनेस में कमी पाई जाती है, तो नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। सभी वाहन मालिकों को गाड़ी के डॉक्यूमेंट्स हर हाल में अपडेट रखने होंगे।
15 हजार जुर्माना ठोका, 3 बस जब्त भी कर लिए गए
जांच में कई बस ड्राइवर पूरे दस्तावेज नहीं दिखा सके, जिसके बाद प्रति बस 5 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया। बसों से कुल 15 हजार जुर्माना वसूल किया गया है। 3 बसों को जब्त भी किया गया है। इनमें से 2 बसों को दीपका और एक बस को RTO परिसर में खड़ा किया गया है। इसके अलावा शहर के नगर निगम बालको और दर्री मुख्य मार्ग के अलावा अन्य जगहों पर निजी कंपनी में चलने वाली बसों की जांच की गई। वहां मेडिकल किट, फायर किट के अलावा इमरजेंसी गेट है या नहीं, इसकी जांच की गई। आरटीओ की टीम ने बस ड्राइवरों को गाड़ी की फिटनेस के बारे में भी जानकारी दी।