कोरबा। कड़ी धूप, ठंड और बारिश में खाली पैर खेतों में डटे रहने वाले किसानों के साथ अन्याय भारी पड़ गया। कुछ ऐसी ही दशा से पाली क्षेत्र के किसान जूझ रहे थे, जिन्हें जिला सहकारी बैंक पाली शाखा में अपनी ही गाढ़ी कमाई निकालने कमीशन देने विवश किया जाता था। शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने दबिश दी और किसान के धान बिक्री की राशि निकलवाने के बदले रिश्वत लेते सहकारी बैंक का मैनेजर और कैशियर रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
आए दिन क्षेत्र के किसानों को तपती धूप में झोला और चप्पल लिए सहकारी बैंकों के बाहर संघर्ष करते देखा जाता है। किसी तरह अपनी बारी आई तो इस तपस्या के बाद अलग से रिश्वत देना मानों खून पसीने की कमाई के बदले लालची बैंककर्मियों को खून पिलाने जैसी स्थिति बन जाती है। ऐसी ही दिक्कतों से जूझ रहे किसानों ने एंटी करप्शन ब्यूरो की मदद ली। सोमवार को भ्रष्टाचार के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर की एक टीम पाली स्थित जिला सहकारी बैंक पहुंची थी। यहां टीम ने ब्रांच मैनेजर अमित दुबे और कैशियर आशुतोष तिवारी को 5000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। ग्राम धंवरा डोंगरी बतरा के रहने वाले कृषक राममनोहर यादव ने इस मामले के शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शाखा पाली में उसके द्वारा विक्रय किए गए धान का भुगतान प्राप्त करना था। यह रकम करीब 5 लाख थी, जिसके आहरण के लिये 7500 रुपये की रिश्वत की मांग आरोपियों ने की थी। प्रार्थी ने इसकी शिकायत एन्टी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर से की। शिकायत सत्यापन पश्चात सोमवार को योजनाबद्ध तरीके से ट्रैप बिछाया गया। इस दौरान बैंक कार्यालय में जहां आरोपियों द्वारा सावधानी बरतते हुए मांगी गई रकम न लेते हुए, 5 लाख की आहरण राशि में से रिश्वत की रकम 5000 रुपये काटकर प्रार्थी को शेष राशि दी गई। जिस पर एसीबी की टीम द्वारा कार्यवाही कर कैशियर से रिश्वत की राशि बरामद की गई। घटना में दोनों आरोपियों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके विरूद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 ( यथासंशोधित अधिनियम 2018 ) के तहत गिरफ्तार किया गया है। एन्टी करप्शन ब्यूरो ने छत्तीसगढ़ के सभी नागरिकों से अपील की है कि रिश्वत या भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें विभाग के ई-मेल, टोल-फ्री नंबर ( 1064 ) अथवा स्वयं कार्यालय में उपस्थित होकर की जा सकती है।