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नरक चतुर्दशी पर चौमुखी दिया जलाने का सही तरीका जान लें, लंबी उम्र के साथ मिलेगी दौलत-शोहरत!

नरक चतुर्दशी के दिन मां काली, भगवान कृष्ण और यमराज की पूजा का विधान है. साथ ही यम का दीया निकालने का बड़ा महत्‍व है. नरक चौदस के दिन चौमुखी दीया जलाया जाता है ताकि पूरे साल नकारात्‍मक शक्तियां दूर रहें. परिवार पर अकाल मृत्‍यु, दुश्‍मनों का खतरा ना रहे. जानिए नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीया जलाने का सही तरीका.

नरक चतुर्दशी पर कितने दीये जलाएं?

नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के दिन 14 दीये जलाना बहुत शुभ होता है. इन 14 दीयों में एक दीया ‘यम का दीया’ होता है. यह चौमुखी दिया होता है. नरक चतुर्दशी के दिन चौमुखी दीया जलाने से भगवान कृष्‍ण, मां काली और यमराज की कृपा होती है. इससे शांति, सुख-समृद्धि, संपन्नता बनी रहती है.

 

इस साल नरक चौदस या छोटी दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम के 6 बजकर 15 मिनट तक है. छोटी दिवाली की पूजा के बाद ही यम का दीया निकालें.

दक्षिण दिशा यमराज की दिशा होती है. लिहाजा यम का दीया घर के बाहर दक्षिण दिशा में ही रखना चाहिए. बेहतर है कि यम का यह चौमुखी देर रात को घर में सभी लोगों के सोने के बाद जलाएं. क्‍योंकि यम का दीया निकालने के बाद उसके पास नहीं जाना चाहिए.

कहां रखें यम का दीया?

 

नरक चतुर्दशी के दिन एक चौमुखी दिया घर के मुख्य द्वार पर रखें. या घर की छत पर भी रख सकते हैं. इसके अलावा एक चौमुखी दीया पीपल के पेड़ के नीचे भी जलाना चाहिए.

नरक चतुर्दशी के दिन चौमुखी दीया जलाएं. इसके लिए मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल डालें. फिर इसके बाद रूई की 2 बत्तियां मथ लें और दीये में 4 दिशाओं की ओर मुख करके डालें. फिर इस चौमुखी दीये में कपूर व लौंग डालें. इसके बाद परिवार के सभी सदस्‍यों की लंबी उम्र की कामना करें और इस दीपक को घर की छत पर या मुख्‍य द्वार पर रख दें. या घर के बाहर दक्षिण दिशा में रख आएं.

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