Kho..kho and kabaddi : खाकी के दामन दाग, छुपाऊ कैसे.जब माननीय को आया गुस्सा और..सप्लायरों के मन में लड्डू फूटा, मछली जल की रानी..

खाकी के दामन दाग, छुपाऊ कैसे… ओल्ड इज गोल्ड  ” लागा चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे! चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे…” को इन दिनों लोग शहर में अपने अंदाज में गाते फिर रहे हैं ” लागा खाकी के दामन में दाग छुपाऊ कैसे …! दरअसल पुलिस कस्टडी हुए मौत की बात ऊर्जाधानी से … Continue reading Kho..kho and kabaddi : खाकी के दामन दाग, छुपाऊ कैसे.जब माननीय को आया गुस्सा और..सप्लायरों के मन में लड्डू फूटा, मछली जल की रानी..