कोरबा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कोरबा नगर स्तरीय विजयादशमी उत्सव रविवार को बालको नगर के डॉ भीमराव अंबेडकर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में आयोजित हुआ। निर्धारित समय पर एकत्रीकरण और ध्वज आरोहण के साथ पथ संचलन निकाला गया। नगरीय क्षेत्र के 1100 स्वयंसेवक इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उत्साहित मातृशक्ति सहित स्थानीय नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर पथ संचलन का स्वागत किया और अपने सरोकार दिखाए।
वार्षिक कार्यक्रम की श्रृंखला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयादशमी उत्सव गरिमामय स्वरूप में आयोजित किया। स्पोर्ट्स कंपलेक्स से घोष दल के साथ 8 वाहिनियों में पथ संचलन दोपहर 3 बजे शुरू हुआ। ध्वज वाहिनी के साथ ध्वज रक्षक और उसके पीछे घोष दल व विभिन्न क्षेत्रों के स्वयंसेवक शामिल हुए। बालको नगर के गायत्री मंदिर मार्ग, हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी, सेक्टर 5 , मुख्य मार्ग होते हुए पथ संचलन पूर्ण हुआ। अनुशासित व्यवस्था के साथ किए गए पथ संचलन का इन मार्गों पर अनेक स्थान पर मातृशक्ति और बालकों के वरिष्ठ नागरिक संगठन की ओर से पुष्प वर्षा कर अभूतपूर्व स्वागत किया गया। बालकोनगर में इस तरह का यह पहला बड़ा कार्यक्रम रहा जिसने लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया। संचालन के निर्धारित मार्ग पर स्वयंसेवकों व स्थानिय पुलिस के द्वारा सुरक्षा की व्यवस्था की गई।
विजयादशमी उत्सव के अंतर्गत स्वयंसेवकों के समूह ने स्टेडियम परिसर में सामूहिक योग अभ्यास, आसन, यष्टि, पद विन्यास, और घोष के प्रयोग की शानदार प्रस्तुति की। कार्यक्रम के मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संचालक सत्येंद्र दुबे, जिला संचालक डॉक्टर विशाल उपाध्याय, नगर संघ चालक अशोक तिवारी, जिला कार्यवाह कैलाश नाहक , नगर कार्यवाह मृगेश यादव एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता बोले – जीवन जीने के साथ नागरिक राष्ट्रनिष्ठ भी बने
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता कौशलेन्द्र प्रताप सिंह, सामाजिक समरसता प्रांत प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 100 वर्ष में प्रवेश कर चुका है। 99 वर्ष पहले छोटी सी धारा के रूप में इसका शुभारंभ हुआ था। 1925 में संघ की स्थापना हुई रही होगी तो उस समय का वातावरण कैसा रहा ,इसकी स्थापना करने का विचार डॉक्टर केशव बलीराम के मन में कैसे आया। संघ के विस्तार को देख उनकी आत्मा भी प्रसन्न हो रही होगी। कौशलेंद्र ने स्वाधीनता संग्राम में योद्धाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि गजनवी की सेना को परास्त करने ने डेढ़ सौ लोगों ने शौर्य दिखाया। यह संसार की अद्भुत घटना थी, जिसके बारे में योद्धाओं का कहना था कि हमने जोखिम के साथ निर्णय लिया ताकि आने वाली पीढ़ी हमे कायर ना कहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कई प्रकार की चुनौतियां हमारे राष्ट्र के सामने बनी हुई है।
इनका सामना करने के लिए तंत्र अपना काम कर रहा है लेकिन राष्ट्रनिष्ठ होने के नाते देश के नागरिकों का दायित्व बनता है कि वह हर स्तर पर अपनी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए यथासंभव प्रयत्न करें। लोगों की छोटी-छोटी भूमिका राष्ट्र को समुन्नत और बलवान बनाने के लिए सहायक साबित होगी।
मुख्य अतिथि राहुल सेठिया ने सारगर्भित विचार रखते हुए विजयादशमी की प्रासंगिकता को स्पष्ट किया। साथ मे यह भी कहा कि किसी भी राष्ट्र को प्रगति पथ पर ले जाने के लिए उसके लोगों को निष्ठावान बनना होगा। संघ लोगों को देशभक्ति और अनुशासन सीखा रहा है, यह देश की जरूरत है। उन्होंने आव्हान किया कि लोग रोबोटिक युग से बाहर निकलें व पर्यावरण की रक्षा करें।