रांची/नई दिल्ली, 04 अगस्त। JMM Supremo : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और आदिवासी राजनीति की मजबूत आवाज शिबू सोरेन का सोमवार, 4 अगस्त को निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। उनके निधन की पुष्टि उनके बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। शिबू सोरेन बीते कई दिनों से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे और किडनी संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे थे। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
नेताओं और जनता में शोक की लहर
शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड से लेकर दिल्ली तक शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल संतोष गंगवार, और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा: “शिबू सोरेन एक ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊँचाइयाँ हासिल कीं। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे।”
Shri Shibu Soren Ji was a grassroots leader who rose through the ranks of public life with unwavering dedication to the people. He was particularly passionate about empowering tribal communities, the poor and downtrodden. Pained by his passing away. My thoughts are with his…
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर लिखा: “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया।” उनके इस संदेश से उनके निजी और राजनीतिक नुकसान का गहरा भाव स्पष्ट झलकता है।
‘दिशोम गुरु’ के नाम से प्रसिद्ध शिबू सोरेन झारखंड के आदिवासी आंदोलन के अग्रदूत माने जाते हैं। उन्होंने झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने – 2005, 2008 और 2009 में, हालांकि उनका कोई कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया। वे आठ बार दुमका से लोकसभा सांसद और दो बार राज्यसभा सांसद रहे। 2004 में कोयला मंत्री के रूप में भी वे केंद्र सरकार में शामिल हुए।
परिवार और अंतिम क्षण
उनके परिवार में बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक बहू कल्पना सोरेन, और बेटे बसंत सोरेन हैं। निधन के समय पूरा परिवार दिल्ली में मौजूद था।
जनता और कार्यकर्ताओं की श्रद्धांजलि
राज्य भर में JMM के कार्यकर्ताओं और आम जनता ने सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से श्रद्धांजलि अर्पित की। झारखंड में शोक की लहर है और संभावना है कि राज्य सरकार उनके सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा कर सकती है।
एक अपूरणीय क्षति
शिबू सोरेन का निधन न सिर्फ JMM पार्टी, बल्कि पूरे झारखंड और (JMM Supremo) भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी राजनीतिक विरासत और आदिवासी हितों के लिए संघर्ष को हमेशा याद रखा जाएगा।