तिरुमाला। ISRO: इसरो के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने अपनी टीम के साथ आज मंगलवार को तिरुमाला स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। यह प्रार्थना GSLV-F15/NVS-02 रॉकेट की सफलता के लिए की गई जिसे बुधवार सुबह 6:23 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। इस दौरान डॉ. नारायणन और उनकी टीम ने रॉकेट के एक मॉडल को भगवान के चरणों में रखा और विशेष पूजा की।
ISRO: वहीं डॉ. नारायणन ने तीसरे लॉन्च पैड के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित करने पर पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस नए लॉन्च पैड से भारी रॉकेट्स को अंतरिक्ष में भेजा जा सकेगा। यह मिशन ISRO की 100वीं लॉन्च है और GSLV-F15/NVS-02 रॉकेट इसरो की 8वीं ऑपरेशनल उड़ान है जिसमें स्वदेशी क्रायोजेनिक स्टेज का उपयोग किया गया है। यह रॉकेट NVS-02 सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करेगा। इस सैटेलाइट से NavIC (नेविगेशन विद इंडियन कंस्टीलेशन) प्रणाली और मजबूत होगी।
ISRO: NavIC भारत की अपनी नेविगेशन प्रणाली है जो देश और इसके 1500 किमी के आसपास के क्षेत्र में सटीक पोज़िशन, वेग, और समय (PVT) सेवा प्रदान करती है। NavIC में दो तरह की सेवाएं पहला स्टैंडर्ड पोजिशनिंग सर्विस (SPS) और दूसरा रेस्ट्रिक्टेड सर्विस (RS) शामिल हैं जो 20 मीटर की सटीकता और 40 नैनोसेकंड से भी कम लेता है।
ISRO: इससे पहले 29 मई 2023 को GSLV-F12 रॉकेट ने NVS-01 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इस सैटेलाइट में स्वदेशी एटॉमिक क्लॉक लगी थी जिससे NavIC प्रणाली की क्षमताएं बढ़ीं। इस मिशन में L1 बैंड सिग्नल की सुविधा भी जोड़ी गई जो व्यापक कवरेज प्रदान करती है। वहीं GSLV-F15/NVS-02 मिशन NavIC को और उन्नत बनाएगा