कटाक्ष
Let’s go to school: IPS का इशारा ,टीआई बेचारा, राख से “रौनक”…कौन गलत पटवारी या तहसीलदार.चाय की दुकान पर बाबा चीनी कम या ज्यादा..
IPS का इशारा,थानेदार बेचारा
ऑनलाइन पैसा कमाने के नायब तरीके के फेर में जिले के कुछ टीआई क्रिफ्टो करेंसी में इन्वेस्ट कर रकम डबल होने का सपना संजो रहे थे लेकिन टीआई बेचारा.. ऊपर से आईपीएस अफसर का इशारा..! कुछ तो बात है मामले में कुछ तो खास है…।
दरअसल आईपीएस अफसर एक मामले का खुलासा कर रहे थे और इशारों- इशारों में बिना नाम लिए कहा कि क्रिफ्टो करेंसी के हाईटेक ठगी में हमारे कुछ थानेदार भी आ चुके हैं। मतलब उन्होंने ये साफ कर दिया कि हाइप्रोफाइल ठगी के जाल में सरकारी अफसर भी माल गंवा चुके हैं।
वैसे कहा भी गया है कमाई दो तरीके का होता है एक आप और दूसरा बा ..! बा.. कमाई वाले बिना रिस्क के इन्वेस्ट करते रहते हैं क्योंकि उनके लिए पैसा महज हाथ का मैला है। लिहाजा सरकारी अधिकारी सबसे अधिक क्रिफ्टो करेंसी के इन्वेस्टर थे। सो लिस्ट में पुलिस वालों का होना कोई अचरज वाली बात नहीं है।
लेकिन, जुआ सट्टा पर लगाम लगाने वाले ही जब क्रिफ्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने लगे तो आम लोगों का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। वैसे तो ऊर्जाधानी के जबांज थानेदार मनी मैजेमेंट में निपुण है जो अपने धन को बढ़ाने अवैध कारोबार में भी इन्वेस्ट करते रहे हैं। जिसका खामियाजा एक टीआई भुगत चुके हैं।
शनिवार को क्रिफ्टो करेंसी में इन्वेस्ट कराकर ठगने वाले 2 लोगों को दर्री सीएसपी ने पकड़ा और प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने इशारों इशारों में ही कह दिया कि हमारे कुछ टीआई भी क्रिफ्टो करेंसी के झांसे में आ गए थे और सटोरियों के बातों पर भरोसा करते हुए रकम दुगुना करने का सपना देख रहे थे लेकिन उनका सपना अधूरा रह गया। ऊपर से साहब का कमेंट्स.पर लोग चुटकी लेते हुए कहा रहे टीआई बेचारा…!
राख से “रौनक”
कहते हैं राख बेशक हूँ… मगर मुझ में हरकत है अभी बाक़ी।
जिसको जलने की तमन्ना हो… हवा दे मुझको।
ये राख अब ठेकेदारों के चेहरे की रौनक बन गई है। पॉवर प्लांटों के लिए मुसीबत बनी राख, व्यापारियों और अधिकारियों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन गई है। सूत्र बताते हैं कि राख से जीवन में आई रौनक से बारिश में पानी नहीं धन की वर्षा हो रही है।
सीएसईबी डिंडोलभांठा फ्लाई ऐश डेम से निकलने वाले राख से ट्रांसपोर्टर मालामाल हो गए हैं। कहा तो यह भी जा रहा है की एक ट्रांसपोर्ट की गाड़ी चल दूसरे जगह रही है और राख ठेकेदार राख से रौनक कर कंपनी को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।
जब फर्जी बिलिंग की खबर वायरल हुई तो ठेकेदार गाड़ी मालिक को मनाने और रिझाने का प्रयास करते हुए मानसून ऑफर की बौछार करने लगे। जिससे उनका फर्जीवाड़े पर तिरपाल ढंक सके।
वैसे चर्चा तो इस बात की भी है सीएसईबी पॉवर प्लांट से जनरेट होने वाली बिजली के करेंट से ज्यादा उत्सर्जित राख का करेंट है। खबरीलाल की माने तो राख परिवहन करने वाले ठेकेदार एक गाड़ी में दो पर्ची लगाकर राख परिवहन कर रहे हैं और सीएसईबी को करोड़ों का चपत लगा रहे हैं। इस फर्जीवाड़े में सीएसईबी के अधिकारियों का भी साथ है जो एक हाथ लेकर दूसरे हाथ फर्जी बिल बनाकर ठेकेदारों को उपकृत कर रहे हैं।
कौन गलत पटवारी या तहसीलदार
पटवारी के रिपोर्ट को उलटकर फायदे के लिए कायदे बनाने के मामले में अब जनता सवाल पूछने लगी है और कह रहे हैं रेत भंडारण की अनुमति में कौन गलत है पटवारी..तहसीलदार या फिर ठेकेदार…! बात बरबसपुर रेत भंडारण की अनुमति को लेकर खड़े हुए बवाल का है।
एनजीटी के विधि के स्वरूप को निधि के स्वरूप में परिवर्तित करने वाले पटवारी और तहसीलदार के प्रतिवेदन पर अब यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है। आरटीआई से मिले दस्तावेज में पटवारी ने अपने स्थल निरीक्षण में भंडारण की भूमि हसदेव नदी से लगे होने का अभिमत दिया। लेकिन, पटवारी प्रतिवेदन को अनुमोदन करने वाले तहसीलदार साहब ने प्रभाव और अभाव का गाना गाते हुए पटवारी के प्रतिवेदन को उलट कर भंडारण की जमीन नदी से 100 मीटर दूर कर दिया। जिससे उनका दाम हो जाए ,और ठेकेदार का काम..!
बरबसपुर रेत भण्डारण की एक और खास बात..हसदेव नदी के चोरी के रेत को एक नम्बर बनाने पोड़ी ब्लाक के आमाटिकरा रेत खदान से रायल्टी लेने वाली बात। जिसे पलट पर्ची जारी करते हुए चोरी के मॉल को सीनाजोरी करते हुए बाजार में खपाया जा रहा है। ये बात अलग है इस रेत से तेल के खेल में शहर के कई लोग “हम साथ साथ है” का रोल निभा रहे हैं।
चाय की दुकान पर बाबा…चीनी कम या शक्कर ज्यादा
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पूरी तौर पर चुनाव एक्शन पर आ चुकी है। बस्तर में बूथ चलो अभियान की शुरुआत हो चुकी है। सरकार के करीब एक दर्जन मंत्री बस्तर में डेरा डाले हुए हैं। कांग्रेस यह बात अच्छी तरह से जानती है कि बस्तर में ही जीत की चाबी है। पिछले चुनाव में कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार करने वाले कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव जगदलपुर में जिस अंदाज में पार्टी वर्करों से चाय की दुकान पर चर्चा करते नजर आ रहे उससे तो साफ है कि इस बस्तर में ही घमासान मचने वाला है। सिंहदेव का ये अंदाज कार्यकर्ताओं को तो भा रहा है मगर उनकी साफगोई से कई बार सरकार की परेशानी बढ़ जाती है।
कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच कर उनकी भावनाओं को जानने का सिंहदेव का ये अंदाज उन विधायकों की धड़कन बढ़ा रहा है जिनकी टिकट इस बार कटने वाली है। सिंहदेव कह चुके हैं कि बस्तर में कांग्रेस के लिए पिछले चुनाव वाला प्रदर्शन दोहराना असंभव तो नहीं मगर मुश्किलों से भरा है। चुनौतियां तो हैं मगर उसका मुकाबला करना होगा। यानि उन विधायकों को टिकट मुश्किल में पड़ सकती है जिनसे उनके कार्यकर्ता नाराज हैं। विधायकों का परर्फामेंस जानने के लिए चाय की दुकान सबसे मुनासिब जगह है। अब चर्चा इस बात की हो रही है कि चाय में चीनी कम है या शक्कर ज्यादा…..ये तो आने वाले समय में सामने पता चलेगा।
स्कूल चले हम…
छत्तीसगढ़ में आज से नए शिक्षा सत्र और शाला प्रवेश उत्सव की शुरुआत हो रही है। आज पहली बार स्कूल आने वाले नन्हें-मुन्हें बच्चों का स्वागत किया जाएगा।।
शाला प्रवेश उत्सव में मंत्री विधायक और जनप्रतिनिधि नजदीक के विद्यालय में जाकर बच्चों का मनोबल बढ़ाएंगे और शिक्षकों के साथ शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को सुधारने में पर चर्चा भी करेंगे। मगर उन स्कूलों को क्या होगा जहां एकल शिक्षक है जो वहां बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
कोरबा जिले में शिक्षा विभाग का हाल तो और भी खराब है। यहां एटैचमेंट और प्रमोशन का खेल जमकर खेला गया है। यहां बच्चे आते तो जरूर है मगर मध्यांह भोजन के बाद खेल कूद कर घर वापस चले जाते है। यहां तो रोज शाला प्रवेश उत्सव मनाया जाता है। लेकिन खास बात ये है कि आज सरकार की ओर से यहां उत्सव मनाया जा रहा है। सरकारी आयोजन है तो फोटो सेशन होना तय है…फिर लंबे चौड़े दावे किए जाएंगे। मगर मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में अधूरे पड़े बरसार में टपकते छतों की बात नहीं होगी….और इस तरह शाला प्रवेश उत्सव मन जाएगा।