
कोरबा। कोरबा मेडिकल कॉलेज में मरीजों को परोसा जाने वाला भोजन हाइजीनिक तरीके से नहीं रखा जा रहा है। भोजन की थाली के ऊपर प्लास्टिक रैपर लगाना अनिवार्य है ताकि भोजन पर मच्छर, मक्खी या अन्य कीटाणु न बैठ सकें। इस दिशा में अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह से लापरवाह है। जानकारी के अनुसार, वर्तमान वेंडर को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से छूट मिली हुई है, जिससे वेंडर अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहा है। इसका सीधा असर मरीजों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
बता दें कि वेंडर का कार्यकाल 31 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। इसके बावजूद, प्रबंधन ने अभी तक नया टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। जानकारी के अनुसार, वेंडर और प्रबंधन के बीच सांठगांठ के कारण इस टेंडर को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है, ताकि पुराना वेंडर ही कार्य करता रहे।
इसके अलावा, मरीजों को ठंड में गर्म पानी की उपलब्धता भी एक गंभीर मुद्दा है। कैंटीन संचालक को गर्म पानी की व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में गर्म पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। पूर्व में, कैंटीन संचालक ने आरो के माध्यम से मरीजों को गर्म और ठंडा पानी उपलब्ध कराया था, लेकिन वर्तमान संचालक ने यह व्यवस्था नहीं की है। इस कड़ाके की ठंड में विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और मरीजों को गर्म पानी की आवश्यकता है, जो उन्हें फिलहाल नहीं मिल पा रहा है।
कोरबा मेडिकल कॉलेज के डाइटरी सर्विस का टेंडर 31 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है, और प्रबंधन को चाहिए कि वह नया टेंडर जल्दी से जल्दी लागू करे, ताकि मरीजों को साफ-सुथरी और बेहतर सुविधाएं मिल सकें।