रायपुर, 24 सितंबर। IAS Dr. Sarvesh Bhure : छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को केंद्र सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें ज्वाइंट टेक्सटाइल कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वर्तमान में राजनांदगांव जिले के कलेक्टर के पद पर कार्यरत डॉ. भूरे को जल्द ही रिलीव कर केंद्र में नई भूमिका में भेजा जाएगा।
भारत सरकार ने उन्हें 19 सितंबर को ज्वाइंट कमिश्नर की पोस्टिंग दे दी। देश का टेक्सटाइल कमिश्नर ऑफिस मुंबई में है। यह सेंट्रल के मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल डिपार्टमेंट में आता है।
ग्रामीण पृष्ठभूमि से प्रशासनिक सेवा तक का प्रेरणादायक सफर
डॉ. भूरे का जीवन सफर संघर्ष, मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति की मिसाल है। उनका जन्म 12 सितंबर 1984 को महाराष्ट्र के भंडारा जिले के छोटे से गांव लखानंदुर में हुआ। एक शिक्षक परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. भूरे ने गांव के सरकारी स्कूल में मराठी माध्यम से 12वीं तक पढ़ाई की।
इसके बाद उनका चयन पुणे के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिए हुआ। अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई शुरू में कठिन रही, लेकिन लगातार मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर उन्होंने डॉक्टरी की डिग्री हासिल की।
पहले आईपीएस बने, फिर आईएएस
डॉ. भूरे ने डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पहले ही प्रयास में वे 2010 बैच के आईपीएस बने। इसके बाद दूसरे प्रयास में 2011 में आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर छत्तीसगढ़ कैडर प्राप्त किया। उनके इस सफर में पत्नी डॉ. रश्मि भूरे का विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने हर मोड़ पर उनका साथ दिया।
कलेक्टर के रूप में उत्कृष्ट प्रशासनिक सेवाएं
आईएएस बनने के बाद डॉ. भूरे की पहली पोस्टिंग मुंगेली जिले के कलेक्टर के रूप में हुई। इसके बाद वे दुर्ग, रायपुर और फिलहाल राजनांदगांव में कलेक्टर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। वे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक जैसे अहम पद पर भी काम कर चुके हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान रायपुर में उनके नेतृत्व में किए गए कार्यों को काफी सराहा गया।
केंद्र में जिम्मेदारी मिलना राज्य के लिए गौरव
डॉ. भूरे को केंद्र में मिली यह जिम्मेदारी राज्य प्रशासन के लिए एक सम्मानजनक उपलब्धि मानी जा रही है। टेक्सटाइल मंत्रालय में ज्वाइंट कमिश्नर जैसे पद पर उनकी नियुक्ति यह दर्शाती है कि उनके प्रशासनिक कौशल को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।
डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे का जीवन और सेवा कार्य उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों में भी बड़ी उपलब्धियों को हासिल करने का सपना देखते हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर देश की प्रशासनिक व्यवस्था में अहम पद तक पहुंचना न केवल उनकी मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह बताता है कि ईमानदारी, संकल्प और समर्पण से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। डॉ. भूरे को नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक बधाई, उम्मीद है वे केंद्र में भी छत्तीसगढ़ की साख को और ऊंचा करेंगे।