अल्मोड़ा : एक फिल्म आई और उसने लोगों के दिलों पर अपना जादू चला दिया। एस्पिरेंट से एक अफसर बनने वाले एक शख्स की कहानी को पर्दे पर पिरोया मंझे हुए एक्टर विक्रांत मैसी ने। हम बात कर रहे हैं फिल्म ’12th फेल’ की। इस फिल्म में आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की जिंदगी की कठिनाइयों को दिखाया गया है। इस फिल्म में जिसने सबका ध्यान खींचा वो था मनोज की पत्नी श्रद्धा शर्मा का।
12th फेल फिल्म में श्रद्धा के किरदार को अभिनेत्री मेधा शंकर ने निभाया है, लेकिन हम आपको आज मिलवाएंगे असली वाली श्रद्धा जोशी से। कहते हैं कि हर कामयाब पुरुष के पीछे एक महिला का हाथ होता है, ये इस कहानी में सटीक बैठता है। श्रद्धा जोशी वो महिला हैं जिन्होंने मनोज कुमार शर्मा के आईपीएस मनोज कुमार शर्मा बनने तक उनकी हर एक कठिनाइयों में उनका साथ दिया।
अल्मोड़ा की श्रद्धा से आइआरएस बनने तक का सफर
श्रद्धा उत्तराखंड से ताल्लुक रखती हैं। इसलिए इस फिल्म का क्रेज उत्तराखंड में भी देखने को मिला और खासकर के अल्मोड़ा में। इनके किरदार को लेकर अल्मोड़ा में भी लोगों को क्रेज है। फिल्म को युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में लगन और मेहनत के बल पर ऊंचे मुकाम पर पहुंचने तक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म में अल्मोड़ा की रहने वाली वर्तमान में आइआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी के संघर्ष की कहानी को दर्शाया गया।
जब UPSC के लिए दिल्ली आई थी श्रद्धा
श्रद्धा वो महिला हैं जिन्होंने अपने प्यार को भी प्रेरित किया और खुद भी सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। अल्मोड़ा की रहने वाली श्रद्धा जोशी ने भी अपने जीवन में कड़े संघर्ष किए। श्रद्धा के पिता प्रो. जीसी जोशी सोबन सिंह जीना परिसर के जंतु विज्ञान विभाग में प्राध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं श्रद्धा की माता लीला जोशी आर्य कन्या इंटर कालेज अल्मोड़ा में शिक्षिका थी। वह भी अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। अल्मोड़ा की श्रद्धा दिल्ली UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली आई थीं।
ऐसे मिले थे श्रद्धा और मनोज
एक इंटरव्यू में श्रद्धा ने बताया था कि वो UPSC की तैयारी की लिए अल्मोड़ा से दिल्ली आई थीं। यहां उन्होंने एक कोचिंग ज्वाइन की थी। यहीं पर वो मनोज कुमार शर्मा से पहली बार मिली थी। दोनों में बातें हुई और यहीं से शुरू हो गया था दोनों का सफर। दिल्ली में तैयारी करते हुए श्रद्धा जोशी का चयन उत्तराखंड में डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था व मनोज शर्मा चौथे प्रयास में आईपीएस अफसर बने। श्रद्धा ने साल 2005 में UPSC क्लियर किया था।
शादी के बंधन में बंधे श्रद्धा और मनोज
मुखर्जी नगर के ‘दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर’ में दोनों मिले। इंट्रोडक्शन कुछ ऐसा था.. आप मनोज शर्मा हैं न…मैं श्रद्धा.. अल्मोड़ा से। मनोज शर्मा कहते हैं कि उन्हें श्रद्धा का नाम बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ी दिल के बड़े साफ होते हैं। होते तो हैं तभी श्रद्धा और मनोज आज युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा बन गए हैं। मुखर्जी नगर से शुरू हुई ये प्रेम कहानी सफलता के साथ ही शादी के बंधन में बंध गए।