Hike in Electricity Rates : छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में बढ़ोतरी…! घरेलू, व्यवसायिक और कृषि उपभोक्ताओं पर सीधा असर…यहां देखें List
विपक्ष और किसान संगठनों की प्रतिक्रिया

रायपुर, 11 जुलाई। Hike in Electricity Rates : छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं पर महंगाई की मार पड़ी है। राज्य विद्युत नियामक आयोग (CSERC) ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) की याचिका पर निर्णय लेते हुए बिजली की दरों में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। यह वृद्धि घरेलू, व्यवसायिक और कृषि तीनों प्रकार के उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी।
बिजली दरों में कितनी वृद्धि हुई है?
घरेलू उपभोक्ता: अब उन्हें प्रति यूनिट 10 से 20 पैसे अधिक चुकाने होंगे।
गैर-घरेलू (व्यवसायिक) उपभोक्ता: औसतन 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
कृषि पंप उपभोक्ता: सबसे बड़ी मार किसानों पर पड़ी है। कृषि पंपों के लिए दर में सीधे 50 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है।
क्यों बढ़ाई गई दरें?
विद्युत वितरण कंपनी (CSPDCL) ने 4947.41 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का हवाला देते हुए दरें बढ़ाने की मांग की थी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने छानबीन के बाद इस घाटे में से केवल 523.43 करोड़ रुपये को ही मान्य किया। इस मान्य घाटे की भरपाई के लिए दरों में संशोधन अनिवार्य माना गया।
राजस्व घाटा (Revenue Loss)
CSPDCL ने दावा किया: ₹4947.41 करोड़ का घाटा।
CSERC ने मान्य किया: ₹523.43 करोड़ का घाटा।
किसानों पर सीधा असर
राज्य के लाखों किसान, जो पहले से ही डीजल, खाद, बीज और श्रम लागत से जूझ रहे हैं, उन्हें अब सिंचाई के लिए बिजली पर 50 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त बोझ उठाना होगा। यह वृद्धि खेती की लागत में वृद्धि और लाभ में कमी का कारण बन सकती है।
विपक्ष और किसान संगठनों की प्रतिक्रिया
कई किसान संगठनों ने इस निर्णय को किसानों के हित के खिलाफ बताया है और जल्द ही आंदोलन की चेतावनी दी है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर किसानों को आर्थिक संकट में डालने का आरोप लगाया है।
राज्य में बिजली दरों (Hike in Electricity Rates) में की गई यह वृद्धि, एक ओर विद्युत कंपनियों के घाटे को कम करने की कोशिश है, लेकिन दूसरी ओर आम उपभोक्ता और विशेष रूप से किसानों के लिए यह आर्थिक बोझ साबित हो सकती है। अगले कुछ महीनों में यह निर्णय राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का बड़ा मुद्दा बन सकता है।