रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में एटीएस (Anti-Terrorist Squad) ने नशे के कारोबारियों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। ये आरोपी ओडिशा से गांजा लाकर छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में उसकी तस्करी कर रहे थे, साथ ही मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान में भी गांजे और अफीम की सप्लाई करते थे।
Ganja smuggling: एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार के अनुसार, निरीक्षक रमाकांत साहू और उनकी एटीएस टीम ने बिलासपुर और दुर्ग के 5 पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर ओडिशा, झारखंड और पंजाब में फैले इस नशे के नेटवर्क को ध्वस्त किया। इस गिरोह में 9 डीलर, 13 कूरियर, 7 सप्लायर और 8 खरीददार शामिल थे।
Ganja smuggling: फोन से ऑपरेट होता था पूरा गैंग
चौंकाने वाली बात यह है कि ये तस्कर पूरी तरह से फोन के जरिए अपने कारोबार को ऑपरेट करते थे। गांजा खरीदने के बाद फोन को बंद कर दिया जाता था और डिलीवरी के वक्त ही फिर से संपर्क किया जाता था। तस्करी में सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहनों का इस्तेमाल किया जाता था।
Ganja smuggling: इस ऑपरेशन के दौरान एटीएस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें भागवत साहू, कूरियर संतराम खूंटे, राजाराम सतनामी, अंकित सिंह, महेंद्र टंडन और सुमिता खुटे शामिल हैं। संतराम की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने डीलर ब्योमकेश खटुआ तक पहुंचकर उसे गिरफ्तार किया। आगे की जांच में, सप्लायर पिंटू शाहनी और डीलर बबूला बारिक को पकड़ा गया।
Ganja smuggling: ट्रेन से तस्करी करते पकड़ा गया डीलर
इसके अलावा, ट्रेन से तस्करी करते हुए डीलर देवराज और प्रदीप दुबे भी गिरफ्तार किए गए। शुभम शर्मा और उद्धव तांडी जैसे सप्लायरों की भी गिरफ्तारी हुई। परमजीत सिंह, जो झारखंड से अफीम लाकर रायपुर में बेचता था, को भी पकड़ा गया। इस गिरोह के एक अन्य सदस्य महेश साहू फरार है।
Ganja smuggling: इसी ऑपरेशन के दौरान, एटीएस ने तस्करी के गैंग को संचालित करने वाले पुलिसकर्मी लक्ष्मण गाइन को भी गिरफ्तार किया। लक्ष्मण पहले भी ड्रग्स तस्करी के मामले में जेल जा चुका था और जेल से छूटने के बाद उसने इस गिरोह के साथ काम करना शुरू किया था।