रायपुर

Ministry Meeting : बायोमैट्रिक हाजिरी से लेकर पूंजीगत व्यय तक…! मंत्रालय में सख्त हुए CM साय…यहां पढ़ें

निर्माण विभागों को चेतावनी, सुस्त अफसरों को नसीहत

रायपुर, 01 अक्टूबर। Ministry Meeting : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को मंत्रालय में विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों के साथ मैराथन बैठक की। इस अहम बैठक में राज्य सरकार के बजट में प्रावधानित कार्यों की प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने विभागवार फीडबैक लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि पूंजीगत व्यय से जुड़े कार्यों में तेजी लाई जाए।

निर्माण विभागों को चेतावनी, सुस्त अफसरों को नसीहत

मुख्यमंत्री ने कम पूंजीगत व्यय दर्ज कर रहे निर्माण विभागों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन देर भी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री का दो टूक बयान, जनता की समस्याओं को टालने के बजाय उन्हें प्राथमिकता दें, शासन का अंतिम उद्देश्य जनता की सुविधा और विश्वास है। इस बैठक में मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सहित सभी विभागों के सचिव और विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

ई-ऑफिस और पारदर्शिता पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली से शासन के कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी है। साथ ही GeM पोर्टल से की जाने वाली सरकारी खरीदी में किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

मुख्यमंत्री के निर्देश और फैसले

1 दिसंबर 2025 से मंत्रालय में लागू होगी बायोमैट्रिक अटेंडेंस व्यवस्था अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों की मुख्यमंत्री ने की सराहना सुस्त विभागों को दिया ‘स्व-मूल्यांकन’ कर सुधार का संदेश जन समस्याओं को धैर्य से सुनें अधिकारी, समयबद्ध समाधान करें सड़कों के सुधार और रखरखाव पर विशेष जोर, ताकि आवागमन हो सुगम पूंजीगत व्यय में तेजी, योजनाओं की समयसीमा में पूर्णता पर जोर इस बैठक को आगामी 12 अक्टूबर को प्रस्तावित कलेक्टर-एसपी-डीएफओ कांफ्रेंस की तैयारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें राज्यभर के जिला अधिकारियों के साथ योजनाओं और कानून-व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। सरकार के कामकाज में रफ्तार और पारदर्शिता (Ministry Meeting) लाने के लिए मुख्यमंत्री साय लगातार प्रशासनिक कसौटी पर अफसरों को कस रहे हैं, जिससे शासन और सेवा के बीच भरोसे की दीवार और मजबूत हो।

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