रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 5 जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश लखमा और उनके रिश्तेदारों के ठिकानों पर जांच की गई। ED की टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया और कई लोगों को समन जारी किया। छापेमारी के दूसरे दिन कवासी लखमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें और उनके बेटे को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ED का छापा राजनीति से प्रेरित है और चुनावी मौसम में भाजपा उनकी छवि को खराब करने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है। उन्होंने यह दावा भी किया कि उनके घर से कोई आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिला है। लखमा ने यह भी कहा कि वह अनपढ़ हैं और प्रशासनिक अधिकारियों ने घोटाले से संबंधित किसी भी गतिविधि के बारे में उन्हें अंधेरे में रखा। उन्होंने बताया कि जो भी दस्तावेज उन्हें लाकर दिए जाते थे, वह उन पर सिर्फ हस्ताक्षर करते थे, जबकि अधिकारी ही उन कागजों को पढ़ते और लिखते थे।
लखमा ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और अब उनसे उनकी संपत्ति के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि ED के अधिकारी उनके और उनके बेटे के मोबाइल फोन अपने साथ ले गए हैं और घोटाले के बारे में उनसे पूछताछ कर रहे हैं। लखमा ने अधिकारियों से समय मांगा है और कहा है कि वह जल्द ही पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।