कोरबा । कोरबा क्षेत्र के जंगल में डेरा जमाए दंतैल हाथी को खदेड़ने की सारी कोशिश नाकाम हो चुकी है। कुमकी हाथी के कमुक़ता 11 दिन के बाद भी नही काम आ सकी। थक हारकर कुमकी हाथी को वापस भेज दिया गया है।
बता दें कि कुमकी दल का हाथी जब भी जंगल में प्रवेश करता था, दंतेल हाथी कुमकी हाथी को देखकर तेजी से दूर भाग जाता था। कुमकी हाथी और वन विभाग के कर्मचारियों की सभी कोशिश नाकाम रही। दंतेल हाथी को खदेड़ने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों ने भरसक प्रयास किया। रात के समय अंधेरे में मशाल जलाकर दंतेल हाथी को जंगल से खदेड़ने की कोशिश की गई। जेसीबी के माध्यम से क्षेत्र को साफ कराया गया था। जिससे हाथी के पैरो के निशान का पता लगाया जा सके। लेकिन वन विभाग सफल नहीं हुआ। अब हाथी ने जंगल में डेरा जमा लिया है।
इसके कारण उस क्षेत्र के ग्रामीणों में डर बना हुआ है। ग्रामीण इलाके में लगातार ठहरने के कारण सब स्टेशन के पास विचरण करते पाए जाने पर बिजली घंटों तक बंद कर दी जाती है। जिससे क्षेत्र के ग्राम वासियों को बिना बिजली के रहना पड़ रहा है।
पढ़े कुमकी हाथी के बारे में
🔷ये मनुष्यों द्वारा प्रशिक्षित एशियाई हाथी हैं।
🔷 कुमकी हाथियों का उपयोग जंगली जानवरों को भगाने के लिए किया जाता है, जब वे मानव बस्तियों में प्रवेश कर जाते हैं।
🔷ये हाथी वन्यजीव संरक्षण के लिए उपयोगी हैं।
🔷जंगल में गश्त लगाने तथा बचाव कार्यों के लिए भी इन हाथियों का उपयोग किया जाता है।
🔷जंगली हाथियों के घायल होने पर उनके बचाव-कार्य में कुमकी हाथियों का उपयोग किया जाता है।
🔷जंगली हाथियों और इंसानों के बीच मध्यस्थता का कार्य कुमकी हाथी करते हैं।