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Fit India.01: ऊपर भगवान, नीचे कप्तान और,इंदौर मॉडल : काम कम, कमीशन ज्यादा..शिक्षा विभाग में IPL की तर्ज में बोली,नायक पार्ट.2..अमरेश पुरी कौन!

ऊपर भगवान, नीचे कप्तान और बीच में पॉवर सिटी की कहानी

कहते हैं, ऊपर वाले भगवान जब मेहरबान हो जाएं तो रंक भी राजा बन जाता है, और जब पुलिस कप्तान की कृपा बरसने लगे तो खाकी के सिपाही भी पहलवान बन जाते हैं।

दरअसल, पॉवर सिटी में थानेदारी अब नियमों से नहीं, पॉवर के दम पर चल रही है। सिपाही ड्यूटी कम, डिलीवरी ज्यादा कर रहे हैं “टीआई साहब को देने” के नाम पर।

और साहब? वो तो सीधे ऊपर की लाइन में हैं रीचार्ज अनलिमिटेड वाला प्लान।

अब बात करें पाली के फरार एजीएम की तो उनकी गिरफ्तारी में हो रही रहस्यमयी ढील ने महकमे में नई चर्चा छेड़ दी है। कहा जा रहा है कि गिरफ्तारी के बदले चढ़ावे की रकम भारी हो चली है।

सूत्रधार की माने तो विवेचना के दौरान एफआईआर से नाम हटाने एक खोखा की डील हुई थी। तयशुदा डील के बाद कोर्ट में प्रस्तुत चालान से नाम हटाया भी गया लेकिन जज के आरोपी बनाने के बाद वीर सिपाहियो के हाथ पैर फूल गए। अब आपसी डील के अनुसार एजीएम को गिरफ्तारी में ढील दी जा रही है।अफसरों की मेहरबानी पर अब तो जनमानस भी सवाल उठने लगे हैं।

अंदरखाने की फुसफुसाहट यही कहती है“ऊपर भगवान, नीचे कप्तान और बीच में चल रही है डील की थानेदारी”!

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 इंदौर मॉडल : काम कम, कमीशन ज्यादा

नगर को इंदौर मॉडल की तरह चमकाने का सपना अब अफसरों और ठेकेदारों की कमीशन की धूल में लथपथ पड़ा है। अब तो भाजपा के नेता भी मानने लगे हैं – “इंदौर मॉडल में काम कम, कमीशन ज्यादा है।”

दरअसल, सरकार बदलते ही शहर को क्लीन सिटी इंदौर की तर्ज पर साफ-सुथरा और आकर्षक बनाने की योजना तैयार की गई थी। सड़क सफाई के लिए ठेकेदारों से चर्चा हुई, और निगम के अफसरों को सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने और सफाई व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

कुछ दिन तक सोशल मीडिया पर “वाह-वाह” का मौसम रहा कि मानो शहर अगले महीने ही स्वर्ग में बदल जाएगा। लेकिन समय के साथ ही इंदौर मॉडल का गुब्बारा उतनी ही तेजी से पिचक गया, जितनी तेजी से अफसरों के जेब और ठेकेदारों के खाते फूले।

फिजूलखर्ची की बात करें तो निगम के “जादूगर” इंजीनियर इसमें आगे हैं। उदाहरण के लिए घंटाघर के पास लगा “I Love Korba” सेल्फी जोन बनाया गया था। दो साल पहले बने इस फव्वारे और आकर्षक लाइटिंग सुंदर दिखता था। उसे कमीशन और एक होटल कारोबारी को फायदा दिलाने के लिए अंदर शिफ्ट कर दिया गया है। संबंध तो मधुर सुंदर बने हैं लेकिन इस खेल में आम जनमानस की स्थिति बंदर की तरह ही हो गई है।

सफाई की स्थिति पर जनता खुद गवाही दे रही है। ठेकेदार मलाई खा रहे हैं, पर हर गली-मोहल्ले में शिकायतों की बाढ़ है। अब तो चाय की दुकान पर बैठकर लोग एक ही बात कह रहे हैं“इंदौर मॉडल में काम कम, कमीशन ज्यादा।”

शिक्षा विभाग में IPL की शिक्षकों की बोली

शिक्षा विभाग में चल रहे इंडियन प्रीमियर लीग में खिलाड़ियों की तरह अब शिक्षकों की बोली लग रही है। चौंकिए मत यहां बोली आईपीएल के लिए नहीं, बल्कि छात्रावास अधीक्षक की कुर्सी पाने के लिए लगाई जा रही है।

दरअसल, ट्राइबल जिला कोरबा में 52 छात्रावास ऐसे हैं जहां विभागीय अधीक्षकों की पोस्टिंग अब तक नहीं हुई है। अधीक्षक बनने की चाह में कई शिक्षक अफसरों तक सिफारिशें और जुगाड़ पहुंचा रहे हैं।

चर्चा यह भी है कि छात्रावास अधीक्षक की कुर्सी के लिए एक से डेढ़ पेटी तक की “बोली” लग रही है। वैसे बाजार का नियम है — मांग बढ़े तो दाम भी बढ़ते हैं। ऐसे में अधीक्षक बनने वाले बढ़चढ़ का बोली लगा रहे हैं।

कहा तो यह भी जा रहा है कि शहर से लगे छात्रावासों के लिए महिला शिक्षक भी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। असल में जब शिक्षक पढ़ाना छोड़ कर IPL के खिलाड़ी बन जाए तो जिले में शिक्षा का स्तर क्या होगा, ये समझना आसान हो जाता है।

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फिट इंडिया.01

मंत्रालय में सीएम विष्णुदेव साय ने कलेक्टर्स कांफ्रेंस में करीब 8 घंटे मैराथन बैठक ली। सूबे की ब्यूरोक्रेसी के इतिहास में शायद ये पहला मौका रहा होगा जब पूरे 8 घंटे कलेक्टर्स बंद कमरे से बाहर नहीं निकल पाए ..। इस लंबी बैठक में सीएम ने अपनी फिटनेस से सभी को चौंका दिया और तो और एयरकंडीशन में रहने वाले कलेक्टर्स के लिए भी फिट इंडिया.01 का ऐलान कर दिया।

कलेक्टर्स कांफ्रेंस में जब स्वच्छ भारत अभियान की समीक्षा हो रही थी त​ब स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए कार्यों के भुगतान में देरी पर सीएम नाराज दिखे..सीएम ने अफसरों से कहा कि वो सुबह 7 बिस्तर छोड़ने की आदत डाल लें…सुबह 7 बजे से पहले नगरीय वार्डों में जाकर निरीक्षण करें। साथ ही चेताया भी कि केवल कागज़ी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की जाएगी, फील्ड विज़िट अनिवार्य हैं।

अब देखने वाली बात ये होगी कि सीएम का फिट इंडिया.01 चैलेंज कितने कलेक्टर स्वीकार कर पाते हैं। फिलहाल कलेक्टर्स की असल परीक्षा तो 14 को होगी जब गुड गवर्नेंस का फीड बैक लिया जाएगा। अब गुड गवर्नेंस फॉलो करना है तो सुबह 7 बिस्तर छोड़ने की आदत तो डालनी पड़ेगी। अब अगली पारी जिलों के पुलिस कप्तानों की होनी है..जो आज अपने अपने जिलों की कानून व्यवस्था और पुलिसिंग पर सीएम के सामने प्रेजेंटेशन देने वाले हैं।

 

नायक पार्ट.2..अमरेश पुरी कौन!

 

छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के दौरान ढाई.ढाई साल के सीएम वाला जिन्न बार बार बोतल से बाहर आ जाता है। दो दिन पहले बोतल में बंद जिन्न फिर बाहर आ गया और कांग्रेस को परेशान करने लगा। असल में सरकार जाने के बाद भी पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव अपनी दिल बात कहने से खुद को रोक नहीं पाते हैं। बिलासपुर के एक कार्यक्रम में सिंहदेव ने साफगोई से कहा दिया..मैं कभी नहीं कहूंगा कि मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना है। ऐसा कौन कहेगा कि मैं CM नहीं बनना चाहता। अब इसी बात पर बीजेपी चुटकियां ले रही हैं।

पहले पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के आफर के बाद अब मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने उन्हें नायक मूवी का हीरो अनिल कपूर बता दिया…। श्यामबिहारी ने कांग्रेस की आपसी लड़ाई का मजा लेते हुए कह दिया कि..बाबा सिर्फ नायक जैसी फिल्म में सीएम बन सकते हैं। 25-50 साल तक कांग्रेस की संभावना नहीं है। ऐसे में केवल मूवी में ही बाबा को CM बनाया जा सकता है, जैसे फिल्म नायक में अनिल कपूर एक दिन के लिए CM बने थे।

हालांकि सिंहदेव ने मजाकिया लहजे में कही बात कह कर टालने की कोशिश की मगर कांग्रेस के अंदरखाने में सीएम पद की लड़ाई अब भी चल रही है, इसका खुलासा हो गया। रही बात सामूहिक चुनाव लड़ने की तो उसके लिए अभी लंबा समय बाकी मगर, बीजेपी वाले मजे लेकर पूछ रहे हैं नायक पार्ट.2 का अमरेश पुरी कौन है!

✍️अनिल द्विवेदी , ईश्वर चन्द्रा 

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