
कोरबा। कटघोरा में शनिवार को हुए चक्काजाम पर तीन अधिकारियों ने अलग – अलग बाते कहा। एसडीएम कटघोरा रोहित सिंह ने आंदोलन को ही नकार दिया। थानेदार धर्मनारायण तिवारी कहते है शिकायत के अभाव में एफआईआर दर्ज नही हो पाया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीतीश ठाकुर ने कहा कि जिस आंदोलन से यातायात बाधित हो और लोगों को परेशानी हो उसमें पुलिस अपने विवेक से कार्रवाई कर सकती है।
कांग्रेसी जनहित के मुद्दे पर आंदोलन करें तो एफआईआर दर्ज हो रहा है और भाजपाई चक्काजाम किए तो कटघोरा थानेदार प्रार्थी खोज रहे है। सरकार की ये दोहरी नीति को लेकर जनमानस परेशान है।मामला शनिवार को कटघोरा में हुए आंदोलन का है। बिजली और पानी की समस्या को लेकर भाजपा पार्षदों ने चक्काजाम कर दिया था। अधिकारियों के समझाइश के बाद आंदोलन तो समाप्त हो गया लेकिन आंदोलनकारियों पर एफआईआई दर्ज नही हुआ। इससे जनमानस में सत्ता पक्ष पर जमकर तंज कस रहे है। आपको बता दें कि बीते दिनों नेशनल हाईवे में 6 घंटा चक्काजाम करने के मामले में कांग्रेस विधायक ब्यास कश्यप सहित 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। वही कटघोरा में तीन घंटे तक चक्काजाम करने वाले पार्षदों के खिलाफ अपराध दर्ज करने प्रार्थी की तलाश कर रही है।
पढ़े एसडीएम एएसपी और थानेदार ने क्या कहा
जनहित के मामले में किसी शिकायतकर्ता की आवश्यकता नही है। पुलिस अपने विवेक से कार्रवाई कर सकती है।
नीतीश ठाकुर, एएसपी कोरबा
भाजपा पार्षदों के द्वारा किसी तरह का कोई भी चक्काजाम। नही हुआ है। तो कार्रवाई कैसे संभव है।
रोहित सिंह, एसडीएम कटघोरा
भाजपा पार्षदों के द्वारा किए गए चक्काजाम में शिकायत के अभाव में अभी तक भाजपा पार्षदों के खिलाफ अपराध दर्ज नही हो सका है। शिकायत मिलेगी तो एफआईआर दर्ज किया जाएगा।
धर्म नारायण तिवारी, कटघोरा थानेदार