
भिलाई/दुर्ग, 29 जुलाई। Bank Of Baroda : भिलाई शहर के सिविक सेंटर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें लगभग ₹50 लाख मूल्य का सोना गायब हो गया। यह मामला भिलाई नगर थाना क्षेत्र, सेक्टर‑5 का है, जहां मृत्युभोज से रिटायर्ड HSCL कर्मचारी दरोगा सिंह के लॉकर से यह चोरी हुई है।
घटना का क्रम
17 जनवरी 2025 को बैंक कर्मचारियों ने दरोगा सिंह को सूचित किया कि उनका लॉकर ठीक से काम नहीं कर रहा है और सामान दूसरे लॉकर में शिफ्ट करना पड़ेगा। तब उन्हें एक अस्थायी लॉकर नंबर 547 का उपयोग करने को कहा गया, जिसकी चाबी बैंक स्टाफ (अनिता कोरेटी) के पास रख ली गई थी। 22 अप्रैल 2025 को जब दरोगा सिंह लॉकर खोलने गए तो उन्होंने देखा कि दो पैकेट (जिसमें करीब ₹50 लाख का सोना था) गायब थे।
बैंक का रुख
पीड़ित ने तुरंत घटना की जानकारी बैंक प्रबंधन को दी, लेकिन बैंक ने साफ मना करते हुए कहा कि लाॅकर की सामग्री की जिम्मेदारी बैंक की नहीं है। अगर कुछ गायब है, तो बैंक इसका उत्तरदायी नहीं है, क्योंकि वह ग्राहक की निजी संपत्ति की जानकारी नहीं रखता।
पुलिस जांच और सुरक्षा खामियां
दरोगा सिंह ने भिलाई नगर थाना में लिखित शिकायत दर्ज करवाई और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (SP) से भी मुलाकात की। पुलिस ने CCTV कैमरे की अनुपस्थिति, बैंक कर्मचारियों को प्राथमिकता से पूछताछ करने तथा संभावित गड़बड़ियों की जांच शुरू कर दी है।
ग्राहक‑बैंक की कानूनी स्थिति
RBI नियमों के अनुसार, बैंक को केवल तब जिम्मेदार माना जा सकता है जब उनकी सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक पाई जाती हो। अन्यथा, ग्राहक को ही अपनी सुरक्षा का ख्याल रखना होता है, जिसमें अकेले चाबी और सामग्री की जिम्मेदारी होती है। यदि बैंक की ओर से कोई लापरवाही सिद्ध होती है (जैसे CCTV न होना,duplicate key बनना, अनाधिकृत हस्तक्षेप), तो ग्राहक उस स्थिति में रेंट के 100 गुना तक की जिम्मेदारी दावा कर सकता है, बशर्ते वह लॉकर रेंट पर आधारित मुआवज़ा सीमा में आता हो और मामले की जांच में बैंक की लापरवाही स्पष्ट हो।
सारांश
विषय | विवरण |
---|---|
लॉकर संख्या | प्रारंभिक: 697; अस्थायी: 547 (चाबी बैंक के पास) |
पूँजी राशि अनुमानित | लगभग ₹50 लाख |
गायब सामग्री | दो सोने की पोटलियाँ |
पुलिस जांच | लिखित शिकायत, SP से मुलाकात, CCTV जांच, बैंक कर्मचारियों से पूछताछ |
बैंक जिम्मेदारी | ग्राहक सामग्री पर बैंक जिम्मेदार नहीं, जब तक कोई दोष न सिद्ध हो |
कानूनी उपाय संभव | FIR दर्ज, बैंक से लिखित शिकायत, RBI ओम्बड्समैन को शिकायत |
बहरहाल, इस घटना ने बैंक लॉकर्स में सुरक्षा जैसे CCTV मॉनिटरिंग, दोहरे चाबी सिस्टम, और कर्मचारियों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं।