मुंगेली

Fake Disability Certificates : मुंगेली में फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट घोटाला…! दिव्यांग कोटे का दुरुपयोग…27 संदिग्ध सरकारी कर्मचारियों की जांच जारी…यहां देखें List

कलेक्टर ने संदिग्ध कर्मचारियों की मेडिकल जांच के दिए आदेश

मुंगेली, 13 जुलाई। Fake Disability Certificates : मुंगेली ज़िले में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्रों के सहारे सरकारी नौकरियों में सेंध लगाने का मामला सामने आया है। कलेक्टर ने प्रारंभिक रूप से 27 संदेही कर्मचारियों की सूची जारी की है और सभी संबंधित विभागों को तत्काल मेडिकल जांच व कार्रवाई संबंधी अपडेट देने को कहा है।

यह है मामला

  • गिरोह सक्रिय: एक गिरोह फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाकर लोगों को सरकारी नौकरी दिलवा रहा है, जिनमें ज़्यादातर गर्व से श्रवण बाधित (बहरे) दिखाए गए हैं। इनमें राजपूत सरनेम वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक बताई जा रही है। मेडिकल सर्टिफिकेट राज्य मेडिकल बोर्ड में दोबारा करवाए जाने का निर्देश दिया गया है, लेकिन कई ने इसे अब तक नहीं कराया है।
  • कलेक्टर की कार्रवाई: मुंगेली कलेक्टर ने संबंधित विभागों को पत्र लिखकर सूची में दर्ज 27 संदेहियों के खिलाफ जांच करने के सम्बंधित अस्पतालों (सिम्स, बिलासपुर व डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति अस्पताल, रायपुर) को जांच हेतु चिट्ठी भेज डाली है। उन्हें जानकारी अपडेट कर अधिकारी से जवाब देने को कहा गया है ।
  • याचिकाएँ और मेडिकल जांच: कुछ कर्मचारियों ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिकाएँ दायर की हैं, कुछ की मेडिकल जांच हो चुकी है, जबकि कई जांच से गायब हैं।
  • दिव्यांग सेवा संघ की भूमिका: छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल करके सरकारी नौकरियों में करीब 50% पदों पर ऐसे लोग बैठे हैं। मुंगेली जिले में एक जगह पर लगभग 200 श्रवण बाधित प्रमाण-पत्र बनाए गए थे।
  • प्रेसवार्ता व डिमांड: रायपुर प्रेस क्लब में 21 अधिकारियों की विगत-जुलाई 2024 में सूची जारी की गई थी, जिसमें 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 लेखा अधिकारी, 3 नायब तहसीलदार, 2 सहकारिता निरीक्षक व 3 पशु चिकित्सक शामिल थे।

अनुमानित गांव और अफ़सर

  • मुंगेली जिले के शामिल गांव: लोरमी, सुकली, झाफल, फुलझर, विचारपुर, बोडतरा व सारधा — इन क्षेत्रों में विशेष तौर पर फर्जी प्रमाण-पत्रों का उच्च स्तर पर निर्माण हुआ था।
  • संभावित मास्टरमाइंड्स:
    • गुलाब सिंह राजपूत (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, लोरमी),
    • डॉ. एम.के. राय (ENT विशेषज्ञ, मुंगेली),
    • डॉ. प्रमोद महाजन (संयुक्त स्वास्थ्य संचालक, बिलासपुर संभाग)।

प्रमुख कथित दोषी

पहलू विवरण
कितने संदेही प्रारंभिक 27 कर्मचारी-दृष्ट हैं
मुख्यालय और अस्पताल सिम्स बिलासपुर व डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति अस्पताल, रायपुर में मेडिकल जांच
मुख्य आरोप श्रवण बाधित दिव्यांग होने का फर्जी प्रमाण-पत्र बनाकर सरकारी नौकरी
प्रमुख दोषी कथित राजपूत सरनेम वाले; विशेषकर लोरमी, मुंगेली और आसपास के गाँवों से
आगे की कार्रवाई मेडिकल जांच, उच्च न्यायालय में याचिकाएँ, बर्खास्तगी की कार्यवाही, विभागों से रिपोर्ट, संघ-प्रदर्शन की चेतावनी

आगे की संभावित कार्रवाई

  • बर्खास्तगी की प्रक्रिया: 27 संदेहियों के विरुद्ध प्रारंभिक कदम शुरू हो चुके हैं। कलेक्टर ने बर्खास्तगी की कार्रवाई को विभागों से रिपोर्ट करने को कहा है।
  • मेडिकल जांच की कम Compliance: लगभग 200 संदिग्धों में से केवल कुछ ही जांच के लिए उपस्थित हुए हैं। दिव्यांग सेवा संघ ने मीडिया में यह जानकारी दी है कि अधिकांश जांच से बच रहे हैं।
  • संघ की चेतावनी: यदि 15 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई, तो राज्य भर में आंदोलन की चेतावनी दी गई है, खासकर 21 अगस्त को रायपुर में प्रदर्शन की तैयारी का संकेत।

इस पूरे मामले में राजपूत सरनेम वाले बहरे (श्रेणियां) और फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र का उपयोग करके अवैध रूप से सरकारी नौकरी पाने वाले 27 शुरूआती संदेही विषय में कलेक्टर-सेंटरित कार्रवाई की शुरूआत हो चुकी है। सहयोगी विभागों को निर्देशित कर जांच की जा रही हैऔर संघ व प्रशासन के दबाव के बीच आंदोलन तक की चेतावनी दी जा चुकी है।

 

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