कोरबा । विद्युत उत्पादन कंपनी के संयंत्र में प्रभारी पर प्रभारी का खेल चल रहा है। महत्वपूर्ण संयंत्र होने के बाद भी पिछले तीन माह से स्थाई मुख्य अभियंता या कार्यपालक निदेशक की नियुक्ति नहीं हो सकी है। प्रभारी कार्यपालक निदेशक नियुक्त किया गया है और प्रभारी कार्यपालक द्वारा पुन: अतिरिक्त मुख्य अभियंता को संयंत्र का प्रभारी बना दिया है। स्थिति यह है कि प्रभारी बनने के बाद अतिरिक्त मुख्य अभियंता अब कार्यपालक निदेशक के स्थान पर हस्ताक्षर कर रहे हैैं। इससे संयंत्र में कर्मियों की मध्य संशय की स्थिति बन गई है कि आखिर कार्यपालक निदेशक कौन है।
विद्युत उत्पादन कंपनी के डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र (डीएसपीएम) एवं हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम (एचटीपीपी) संयंत्र में पदस्थ कार्यपालक निदेशक (ईडी) क्रमश: हेमंत सचदेवा व संजय शर्मा जुलाई माह में सेवानिवृत हो गए। इसके विद्युत कंपनी के मानव संसाधन विभाग द्वारा आठ अगस्त को आदेश जारी कर डीएसपीएम में ईडी पद का अतिरिक्त प्रभार रायपुर में पदस्थ ईडी (आपरेशन एंड मेंटेनेंस) एमएस कंवर को सौंपा है। वहीं एचटीपीपी के ईडी का प्रभार कार्यपालक निदेशक एसएंडपी सीएल नेताम को बनाया। खास बात यह है कि दोनों अधिकारी प्रभारी होने के बाद पुन: अतिरिक्त मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी को प्रभार सौंप दिए हैं। इस तरह डीएसपीएम में अतिरिक्त मुख्य अभियंता संजीव कंसल व एचटीपीपी में अतिरिक्त मुख्य अभियंता पीके स्वेन प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
पिछले तीन माह से सबकुछ ठीक- ठाक चल रहा था, पर हाल ही में डीएसपीएम संयंत्र में जारी एक आदेश के बाद कर्मचारियों में संशय की स्थिति बन गई है। छह-सात विभाग का प्रभार संभाल रहे एक अधिकारी की पहल पर कुछ कर्मियों का स्थानांतरण आदेश जारी किया गया, इसमें आदेश में कार्यपालक निदेशक पद पर संजीव कंसल ने हस्ताक्षर किया हैं, उन्होंने द्वारा (फार) लिखना भी उचित नहीं समझा। कर्मियों का कहना है कि कंसल जब ईडी नही हैं, तो उक्त पदनाम से कैसे हस्ताक्षर कर रहे है। सिर्फ इसी आदेश में नहीं बल्कि कई विभागीय आदेश में भी कंसल अपने आपको ईडी मानते हुए लगातार ईडी के नाम से हस्ताक्षर किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि नियमत: यह गलत है, पर कुछ अधिकारी आदेश की बात कह उन कर्मियों को डरा रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि संयंत्र के ईडी एमएस कंवर हैं या संजीव कंसल, यह समझ से परे हो गया है। स्थानांतरण आदेश के बाद संयंत्र के कर्मियो में नाराजगी व्याप्त हो गई है और कंपनी के चेयरमैन से इसकी शिकायत की है। साथ ही सभी आदेशों को निरस्त करने कहा है।