मुंगेली। जिले के लोरमी इलाके में बगैर लाइसेंस संचालित एक निजी अस्पताल की जांच के लिए पहुंचे SDM और महिला पुलिस अधिकारी के साथ डॉक्टर ने बदतमीजी की। मौके पर डॉक्टर ने हंगामा खड़ा कर दिया, जिसके बाद पुलिस उसे गिरफ्तार कर लिया।
अस्पताल में एक बच्चे की हो गई थी मौत
बुध केयर नाम से चल रहे इस अस्पताल के खिलाफ प्रशासन को शिकायत मिली थी। दरअसल यहां आदिवासी समुदाय के 7 वर्ष के एक बच्चे की मौत हो गई थी। परिजनों ने पहले उसे लोरमी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित 50 बिस्तरों के अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां हालत में सुधार नहीं होने पर डॉक्टरों ने बच्चे को जिला अस्पताल रिफर कर दिया। मगर अस्पताल से निकलते वक्त दलालनुमा लोगों ने परिजनों को बुध केयर अस्पताल के बारे में बताया और उन्हें वहां ले जाकर बच्चे को भर्ती करवा दिया। हालांकि यहां प्रारंभिक इलाज के दौरान ही बच्चे की मौत हो गई।
मीडिया में खबर आने के बाद की कार्रवाई
बच्चे की मौत की शिकायत के बाद जब यह मामला मीडिया में उछला तब जांच के लिए प्रशासन की टीम यहां पहुंची तब मौके पर अवैध तरीके से आईसीयू में तीन मरीजों का इलाज करते हुए पाया गया। इनमें से एक मरीज हृदयरोगी था तो दूसरे ने जहर का सेवन किया हुआ था। दस्तावेजों की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन करते हुए इस अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। इस जांच के दौरान अस्पताल के कथित संचालक डाक्टर गोकुल बंजारे ने एसडीएम और महिला पुलिस अधिकारी से जमकर बदतमीजी की, उसने यहां तक कह दिया कि देखता हूं, आप मेरे अस्पताल को कैसे बंद करते हो। मौके पर हंगामा कर रहे डाक्टर को पुलिस के जवान बड़ी मुश्किल से पकड़ कर थाने ले गए।
जांच में कई गड़बड़ियां मिली
एसडीएम अजीत पुजारी ने बताया कि इस अस्पताल में इलाज के दौरान सात साल के एक बच्चे की मौत हुई है, जिसे गलत इलाज की वजह से मरने की आशंका जताई जा रही है। यहां ICU में गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा था, जबकि इसका अधिकार संबंधित डॉक्टर के पास नहीं था। अस्पताल के बिना लाइसेंस के संचालन की शिकायत सही पाई गई, और इसे सील करने की कार्रवाई की गई। उन्होंने आगे कहा कि इलाके में ऐसे अवैध क्लीनिक और अस्पतालों के खिलाफ आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व में किसी और नाम से था अस्पताल
बता दें कि लोरमी के इसी अस्पताल भवन में आन्या के नाम से अस्पताल चल रहा था, तब यहां इलाज के दौरान एक महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई थी। इस मामले में FIR दर्ज कर दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया और अस्पताल को सील कर दिया गया था। यह जानकारी सामने आ रही है कि इलाके के एक रसूखदार कांग्रेस नेता अस्पताल का सर्वेसर्वा है। हालांकि उसने डॉक्टर बंजारे के माध्यम से ही स्वास्थ्य विभाग में बुध अस्पताल के संचालन के लिए अनुमति मांगी है, मगर अनुमति मिले बिना ही उसने अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया था। इस बीच यहां एक बच्चे की मौत ने फिर से अवैध ढंग से अस्पताल का संचालन किये जाने की पोल खोल दी और मीडिया में मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासन की टीम ने कार्रवाई की।
इस दौरान पुलिस ने हंगामा करने वाले डॉक्टर के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की, वहीं यहां इलाज करा रहे मरीजों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।