रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह के आसंदी पर विराजमान होने के साथ हुई। सबसे पहले दिवंगत सदस्यों को सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी। उसके बाद 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने दुबारा सदन की कार्यवाही प्रश्न काल के साथ शुरू की।
कांग्रेस का स्थगन प्रस्ताव अग्राहय किए जाने पर विपक्षी कांग्रेस के विधायक भड़क गए और वे सदन में ही जमकर नारेबाजी करने लगे. नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधायक व्यास कश्यप, विधायक देवेन्द्र यादव, विधायक शेष हरबंस, विधायक श्रीमती बघेल ने जोरदार नारेबाजी की। ऐसा करते हुए वे सदन के गर्भगृह में पहुंच गए और एक दर्जन से अधिक विधायक सत्र की कार्यवाही तक निलंबित कर दिए गए।
गृह मंत्री विजय शर्मा घिरे
हालांकि सभी विधायक सदन के बाहर नही गए और नारेबाजी करते रहे। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। पहला मौका मिला है जब भाजपा के ही विधायक भावना बोहरा ने अपने ही गृह मंत्री विजय शर्मा से सवाल किया कि मेरे कबीरधाम जिले के पिपरिया विकासखंड अंतर्गत ग्राम बिरकोना निवासी कोमल साहू के संदेहास्पद मृत्यु के विषय में निष्पक्ष जांच हेतु 15 जून 2024 को गृह विभाग द्वारा एसआईटी गठित करने के निर्देश बेमेतरा कलेक्टर एवं खैरागढ़ पुलिस अधीक्षक सहित 6 सदस्यीय टीम गठन करने की अधिसूचना जारी की गई थी. । इस प्रशन पर घेरने की प्रयास की।
कोमल साहू हत्याकाण्ड की गूंज
सुश्री बोहरा ने आगे कहा कि उक्त निर्देश में 7 दिवस के भीतर इस घटना की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का स्पष्ट उल्लेख था, मैं माननीय गृह मंत्री जी से जानना चाहती हूँ कि क्या इस घटना की अब तक एसआईटी द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है? यदि नहीं किया गया है तो इसका कारण क्या है? क्या एसआईटी द्वारा यथास्थल पर जाकर वहां की जांच की गई है? क्या हत्या की आशंका से इस हादसे की जांच की जा रही है? यदि की जा रही है तो अब तक इस घटना की जांच कहाँ तक पहुंची है?और जब 7 दिवस के भीतर इस घटना की जांच रिपोर्ट सौंपनी थी तो आखिर किस कारणवश विलंब हो रहा है?
अजय चंद्राकर ने दिया भावना बोहरा का साथ
पंचनामें के बाद जिस व्यक्ति के हस्ताक्षर पंचनामे में लिए गए उसी व्यक्ति के हस्ताक्षर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उपस्थित हैं परंतु वह व्यक्ति पोस्टमार्टम के पश्चात या पोस्टमार्टम के वक्त उस स्थान पर उपस्थित नहीं था, तो फिर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कैसे उपस्थित हो सकते हैं? इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा जवाब दिया लेकिन वह कांग्रेसी विधायकों की नारेबाजी में गुम हो गया। इस जवाब से भावना संतुष्ट नही हुईं तो उन्होंने दुबारा प्रश्न किया तो गृह मंत्री ने फिर से जवाब दिया लेकिन भावना के सवाल खत्म ही नही हो रहे थे। इसी बीच भाजपा विधायक अजय चंद्राकर भी कूद पड़े. उन्होंने भी इस विषय पर गृह मंत्री से सवाल किए तो शर्मा और मुश्किल में पड़ गए लेकिन उन्होंने चंद्राकर के सवाल का जवाब भी दिया लेकिन चंद्राकर ने लगातार दो तीन सवाल दाग दिए।
श्री चंद्राकर ने कहा कि गृह मंत्री जी आपके इलाके में एक बलदाऊ कौशिक हत्याकाण्ड हुआ था जिसमें पुलिस वाले उसकी लाश को कई जगह दफनाते और निकालते थे। हमारी सरकार आई थी तो जांच नए सिरे की और दोषी पुलिस वालों पर कार्यवाही हुई. इस मामले में पता ही नही चल रहा कि हत्या है या आत्महत्या।