कोरबा

Coal Mine : कोयला खदानों में बढ़ते अपराध और प्रदूषण पर हाईकोर्ट सख्त…SECL और NTPC को लगाई फटकार

Coal Mine : कोरबा और आसपास के कोयला खदान क्षेत्रों में बढ़ते अपराध, उड़ते कोल डस्ट और फ्लाई ऐश से जनजीवन प्रभावित होता देख छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।

बिलासपुर, 25 जुलाई। Coal Mine : कोरबा और आसपास के कोयला खदान क्षेत्रों में बढ़ते अपराध, उड़ते कोल डस्ट और फ्लाई ऐश से जनजीवन प्रभावित होता देख छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोरबा में चार महीने पहले हुए एक ट्रांसपोर्टर की हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने एसईसीएल (SECL) प्रबंधन से जवाब तलब करते हुए तीखी फटकार लगाई है। वहीं फ्लाई ऐश से हो रहे प्रदूषण पर एनटीपीसी (NTPC) से भी सफाई मांगी गई है।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट कहा कि “विकास जरूरी है, लेकिन आम लोगों की जान की कीमत पर नहीं।” कोर्ट ने निर्देश दिया कि बिना कवर के कोयला ढोने वाली गाड़ियों को परमिट न दिया जाए और हाईवे पर पेट्रोलिंग टीम द्वारा उनकी जांच की जाए।

SECL की दलील पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी

एसईसीएल की ओर से यह कहा गया कि कोयला परिवहन की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्टरों की है। इस पर कोर्ट ने तीखी आपत्ति जताते हुए कहा, “ये तो वही बात हुई जैसे शराब बेचने वाला कहे कि पीने वाला जाने।” अदालत ने दो टूक कहा कि “कोल माफिया के हाथ में व्यवस्था नहीं सौंपी जा सकती।”

चीफ जस्टिस ने कहा- लोग दम घुटने से मर रहे हैं

मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट कहा, “आप कोयला निकालिए, किसी को आपत्ति नहीं है, लेकिन आपकी वजह से लोग दम घुटने से मर रहे हैं, सड़कों पर कीचड़ और हादसे हो रहे हैं, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

सख्त आदेश और चेतावनी

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि, बिना ढक कर कोल परिवहन करने वालों को परमिट न मिले। हाईवे पेट्रोलिंग टीम गाड़ियों की फोटो लेकर जांच करे। नियम तोड़ने वाले ट्रांसपोर्टरों का रजिस्ट्रेशन और एग्रीमेंट रद्द किया जाए। यदि स्थिति नहीं सुधरी तो कोल ट्रांसपोर्ट पूरी तरह बंद करने की चेतावनी दी गई।

कोरबा में हत्या और मुंगेली की रिपोर्ट से नाराज अदालत

कोर्ट ने कहा कि कोरबा में ट्रांसपोर्टरों के बीच हुए विवाद में हत्या होना यह दर्शाता है कि हालात नियंत्रण में नहीं हैं। वहीं कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में मुंगेली जिले के सरगांव में नेशनल हाईवे के पास शराब दुकान और ढाबा पाए जाने पर भी अदालत ने नाराजगी जताई। शासन ने कोर्ट को बताया कि दुकान हटाने की प्रक्रिया जारी है और ढाबा संचालक को नोटिस जारी कर दिया गया है।

अंत में कोर्ट ने SECL और NTPC से नए शपथपत्र (अफिडेविट) दाखिल करने को कहा है और साफ कर दिया है कि जनता की सुरक्षा और स्वच्छ पर्यावरण से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button