न्यूज डेस्क। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। आज चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को निर्देश जारी करते हुए हिदायत दी है कि चुनाव प्रचार में बच्चों और नाबालिग को शामिल न करें। यदि इसका उल्लंघन हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव आयोग (Election Commission Of India) ने अपने निर्देश में कहा है कि चुनाव में प्रचार के पर्चे बांटने, पोस्टर चिपकाने, नारे लगाने समेत चुनाव प्रचार के अन्य किसी भी कार्यों में बच्चे या नाबालिग को शामिल नहीं किया जाएगा। आयोग ने कहा कि अगर कोई भी दल अपने चुनाव प्रयास में बच्चों को शामिल करते हुए पाया गया तो बाल श्रम से संबंधित सभी अधिनियम, कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी को कार्रवाई करने के जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, किसी राजनीतिक नेता के आसपास अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ एक बच्चे की मौजूदगी को चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं किया गया है और न ही इस गाइडलाइन का उल्लंघन माना जाएगा।
आयोग (Election Commission Of India) ने अपनी गाइडलाइन में बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि संशोधित अधिनियम, 2016 का सभी राजनीतिक दलों को बच्चों को चुनाव प्रचार शामिल न करना सुनिश्चित करें और दल अपने उम्मीदवारों को इसकी अनुमति नहीं दें।