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Industrial policy: छत्तीसगढ़ की नवीन उद्योग नीति से मिलेगा स्टार्टअप को बढ़ावा

रायपुर। Industrial policy: छत्तीसगढ़ में कृषि और संबंधित क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ बायोटेक प्रमोशन सोसायटी और सुभाष चंद्र बोस इन्क्यूबेशन सेंटर ने हाल ही में एक दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की। इस कार्यक्रम में देश के प्रमुख स्टार्टअप विशेषज्ञों ने नवाचारी स्टार्टअप्स स्थापित करने की रणनीतियों, सरकारी नीतियों, उपलब्ध सुविधाओं और चुनौतियों पर चर्चा की।

 

छत्तीसगढ़ में बायोटेक और फूड प्रोसेसिंग में व्यापक संभावनाएं

कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि, स्टार्टअप संचालक और छात्र शामिल हुए। मुख्य अतिथि, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बायोटेक और फूड प्रोसेसिंग स्टार्टअप्स की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में नवाचारी युवा उद्यमियों की कमी नहीं है, और कई स्टार्टअप्स सफलतापूर्वक स्थापित किए गए हैं।

इन्क्यूबेशन सेंटर की सुविधाएं

Industrial policy:डॉ. चंदेल ने बताया कि बायोटेक प्रमोशन सोसायटी और इन्क्यूबेशन सेंटर युवाओं को स्टार्टअप्स स्थापित करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान कर रहे हैं। यहाँ वर्किंग स्पेस, लैब सुविधाएं, टेस्टिंग और इंटर्नशिप जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

नई उद्योग नीति में विशेष प्रावधान

छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक विश्वेश कुमार ने बताया कि नई उद्योग नीति (2024-2029) 1 नवंबर 2024 से लागू होगी, जिसमें कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल्स और अन्य क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। स्टार्टअप स्थापित करने वाले उद्यमियों को भूमि क्रय, प्रोजेक्ट रिपोर्ट निर्माण, उत्पादन और विपणन के लिए वित्तीय सहायता और सब्सिडी मिलेगी।

इन विशेषज्ञों ने दिए टिप्स

कार्यशाला में सिडबी की उप महाप्रबंधक श्वेता पाण्डेय और आईआईआईटी बी. इनोवेशन सेंटर की सीईओ डॉ. लक्ष्मी जगन्नाथन ने स्टार्टअप्स की स्थापना के लिए आवश्यक वित्तीय सुविधाओं और मार्गदर्शन प्रदान किया। अन्य विशेषज्ञों ने देश में स्टार्टअप्स के विकास, उद्यमिता, और सरकारी नीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

एक हजार से अधिक सफल स्टार्टअप्स

विशेषज्ञों ने बताया कि वर्तमान में देश में एक हजार से अधिक सफल स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं, जिनमें से 64% टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्थित हैं। आईजीकेवी राबी इन्क्यूबेशन सेंटर के सीईओ डॉ. हुलास पाठक ने बताया कि उनके केंद्र ने 364 स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट किया है, जिनमें से 100 से अधिक को 10.84 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली है।

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