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CGPSC recruitment scam: डिप्टी कलेक्टर के लिए 1 करोड़, तहसीलदार, डीएसपी के भी फिक्स थे रेट, CGPSC भर्ती घोटाला में CBI के हाथ लगे सॉल्वर गैंग के अहम सबूत, जल्द होंगी बड़ी गिरफ्तारियां

CGPSC recruitment scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हाथ अहम सुराग लगे हैं। रायपुर और महासमुंद में पांच स्थानों पर दो दिन तक की गई छापेमारी में एक सरकारी डॉक्टर का घर, रायपुर के फूल चौक का निजी होटल, न्यू राजेंद्र नगर की कोचिंग एकेडमी और बलौदाबाजार जिले के बार नवापारा अभ्यारण्य का गेस्ट हाउस शामिल हैं।

CGPSC recruitment scam: बार नवापारा के टूरिस्ट विलेज में सॉल्वर गैंग ने रटवाए थे सवाल-जवाब

सबसे बड़ा खुलासा बार नवापारा के पर्यटक ग्राम को लेकर हुआ। इस गेस्ट हाउस के एक कमरे में CGPSC भर्ती घोटाला को अंजाम दिया गया था। यहां 11 से 24 मई 2022 के बीच 35 PSC अभ्यर्थियों को ठहराया गया। बुकिंग राहुल हरपाल नामक व्यक्ति ने की थी। इन अभ्यर्थियों को असली प्रश्नपत्र दिए गए और कमरों में ही परीक्षा हल करने का अभ्यास कराया गया। 14 दिनों तक सॉल्वर गैंग ने सवाल-जवाब रटवाए थे, ताकि वे परीक्षा में ज्यादा अंक ला सकें।

CGPSC recruitment scam: पैसे लेकर सॉल्वर गैंग को पर्चा देने में ये रहे शामिल

CBI ने महासमुंद के डॉ. विकास चंद्राकर, रायपुर के उत्कर्ष चंद्राकर, सक्सेस एकेडमी के संचालक धर्मेंद्र साहू, राहुल हरपाल और परितोष जायसवाल से पूछताछ की। पूछताछ में सामने आया कि विकास और उत्कर्ष चंद्राकर ने 2022 की CGPSC मेन्स परीक्षा का पर्चा सॉल्वरों को दिया।

CGPSC recruitment scam: ये दोनों मुख्य दलाल थे, जिन्होंने CGPSC अधिकारियों से पर्चा लिया और बदले में पैसे पहुंचाए। धर्मेंद्र साहू और परितोष जायसवाल सॉल्वर थे, जो रिसॉर्ट में अभ्यर्थियों से पर्चा हल करवाते और उनकी तैयारी कराते थे। राहुल हरपाल ने अभ्यर्थियों के ठहरने, होटल से परीक्षा केंद्र तक आने-जाने की व्यवस्था की।

CGPSC recruitment scam: CBI के पास है गेस्ट हाउस में ठहरे लोगों की पूरी सूची

परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों को रायपुर के एक निजी होटल में ठहराया गया और यहीं से उन्हें परीक्षा केंद्र ले जाया जाता था। बार नवापारा के वन परिक्षेत्र अधिकारी सुनील खोबरागड़े ने CBI को गेस्ट हाउस में ठहरे लोगों की पूरी सूची सौंप दी है, जिसमें नाम, पहचान और ठहरने की तारीखें शामिल हैं।

CGPSC recruitment scam: जांच में पता चला कि चयन के लिए पद के हिसाब से रेट तय थे। डिप्टी कलेक्टर के लिए 1 करोड़ रुपए और तहसीलदार, डीएसपी जैसे पदों के लिए अलग-अलग राशि ली जाती थी। अब तक पूर्व CGPSC चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी समेत करीब डेढ़ दर्जन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। CBI को मिले सबूतों के आधार पर जल्द और बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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