कोरबा

Dipka Expansion Project : मलगांव में 152 मकान पाए गए काल्पनिक…! मुआवजा निरस्त करने SDM का SECL को निर्देश

जांच में कैसे सामने आए फर्जी मकान

कोरबा, 01 जुलाई। Dipka Expansion Project : एसईसीएल दीपका विस्तार परियोजना के तहत अधिग्रहित की गई ग्राम मलगांव की भूमि पर मुआवजे के लिए प्रस्तुत 1638 परिसंपत्तियों में से 152 मकान जांच में काल्पनिक (फर्जी) पाए गए हैं। इस गंभीर अनियमितता को लेकर कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर एसडीएम कटघोरा रोहित सिंह द्वारा की गई जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है।

एसडीएम ने इस मामले को गंभीर मानते हुए एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि इन 152 मकानों के मुआवजे का भुगतान न किया जाए, और यदि भुगतान हो चुका है तो संबंधित व्यक्तियों से 15 दिनों के भीतर वसूली कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

परियोजना और भूमि अधिग्रहण की पृष्ठभूमि

ग्राम मलगांव की 63.795 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2004 में कोयला धारक क्षेत्र अधिनियम 1957 की धारा 9(1) के तहत एसईसीएल दीपका द्वारा किया गया था।

वर्ष 2022-23 में गठित टीम द्वारा संपत्तियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसके आधार पर 1638 मेजरमेंट बुक तैयार की गई और मुआवजा गणना पत्रक बनाया गया।

जांच में कैसे सामने आए फर्जी मकान

मई 2025 में विस्थापन की प्रक्रिया के दौरान एसईसीएल को संदेह हुआ कि कई मकान मौके पर मौजूद नहीं हैं।

78 मकानों की सूची एसईसीएल ने दी, जो मौके पर नहीं थे।

इसके अतिरिक्त, राजस्व अधिकारियों द्वारा 74 मकानों की सूची बनाई गई, जिसमें 2018 से 2022 तक की गूगल अर्थ की तस्वीरें संलग्न की गईं।

तस्वीरों के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ कि ये 74 मकान भी अस्तित्व में नहीं हैं।

इस प्रकार कुल 152 मकान काल्पनिक (फर्जी) सिद्ध हुए, जो मुआवजे की सूची में थे, लेकिन जमीनी स्तर पर मौजूद नहीं पाए गए।

एसडीएम के निर्देश

152 फर्जी मकानों का मुआवजा भुगतान तुरंत निरस्त किया जाए।

यदि किसी को भुगतान किया गया है, तो 15 दिन के भीतर वसूली करें।

3 दिन के भीतर निरस्त मुआवजा सूची व राशि की रिपोर्ट एसडीएम कार्यालय को सौंपी जाए।

प्रमुख बिंदु संक्षेप में:

दीपका परियोजना के मुआवजा सर्वेक्षण में 152 फर्जी मकान पाए गए

गूगल अर्थ फोटो और मौके की जांच से खुलासा

मुआवजा निरस्त करने व पूर्व भुगतान की वसूली के निर्देश

एसईसीएल दीपका मुख्य महाप्रबंधक को एसडीएम का पत्र जारी

राजस्व अमला और एसईसीएल अधिकारियों की संयुक्त जांच से खुली अनियमितता

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