
छत्तीसगढ़ मूल की IPS श्वेता चौबे को स्वतंत्रता दिवस 2025 पर उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया। राष्ट्रपति पुरस्कार और स्कोच अवॉर्ड से भी हो चुकी हैं सम्मानित।
न्यूज़ डेस्क। प्रति वर्ष 15 अगस्त को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ धूमधाम से मनाई जाती है। इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित करती हैं। खुद को ऐसे सम्मान के योग्य बनाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन जब कोई महिला अधिकारी अपने गृह राज्य से दूर रहकर खुद को साबित करती है और किसी दूसरे राज्य में सम्मान प्राप्त करती है, तो यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय बन जाता है।
इस वर्ष भी विभिन्न राज्यों ने उत्कृष्ट सेवा देने वाले अधिकारियों का चयन कर उन्हें सम्मानित किया। उत्तराखंड में हाल ही में बादल फटने से तबाही मची थी, जिसमें राहत एवं बचाव कार्य के लिए एक विशेष टीम बनाई गई थी। इस टीम में छत्तीसगढ़ मूल की IPS श्वेता चौबे भी शामिल थीं।
यह स्वतंत्रता दिवस छत्तीसगढ़ के लिए खास रहा, क्योंकि छत्तीसगढ़ की बेटी ने उत्तराखंड में अपनी कार्यकुशलता से खास पहचान बनाई है। श्वेता चौबे, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस अधीक्षक रहे और दो बार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित दिवंगत IPS विजय शंकर चौबे की बेटी हैं। विजय शंकर चौबे छत्तीसगढ़ पुलिस के पूर्व DGP रहे और सारंगढ़ के मूल निवासी थे।
छत्तीसगढ़ में अपना बचपन बिताने के बाद श्वेता चौबे ने UKPSC परीक्षा पास कर बतौर DSP सेवाएं दीं। पदोन्नति के बाद IPS बनने के बाद उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कीं और “उत्तराखंड की शेरनी” के नाम से प्रसिद्ध हो गईं।
पिछले वर्ष उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा हुई और 26 जनवरी 2025 को यह सम्मान उन्हें प्रदान किया गया। इसी वर्ष “Operation Pink” के तहत महिला सुरक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें स्कोच अवॉर्ड मिला। अब स्वतंत्रता दिवस 2025 पर उत्तराखंड सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया है।
IPS श्वेता चौबे लगातार अपने कार्यों से छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड दोनों का नाम रोशन कर रही हैं। उनकी कार्यनिष्ठा और साहसिक छवि ने उन्हें “छत्तीसगढ़ की बेटी” से “उत्तराखंड की शेरनी” बना दिया है।