0 छग में 35 प्रतिशत लोग सोमरस के शौकीन, चखना सेंटर में लौटेगी बहार और अहाते में फिर से मिलेंगे नमकीन
कोरबा। एक अप्रैल से ठेका बदलने वाला है। इसके साथ ही कुछ पुरानी सुविधाएं बहाल करने के साथ अंगूरी और नारंगी के रंग में महंगाई का कुछ असर पड़ सकता है। सीधी बात ये कि मदिरालयों में अद्धा-पउवा और खंबा दस से लेकर 200 रुपये तक महंगा होने की खबर मिल रही हैं। नई दरें नए वित्तीय वर्ष यानि एक अप्रैल से लागू हो सकती हैं। एक सरकारी रिपोर्ट की मानें तो छत्तीसगढ़ में रहने वाले करीब 35 प्रतिशत लोग सोमरस के शौकीन हैं। इनकी सहूलियत को देखते हुए पूर्व की भाजपा सरकार में मिल रही अहाते में नमकीन की सुविधा भी फिर से बहाल की जाएगी और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है।
प्रदेश में नई आबकारी नीति एक अप्रैल से लागू की जा रही है। इसके तहत कांग्रेसकाल में बंद कर दिए गए अहाते एक बार फिर खुलेंगे। इससे शौकीनों को अपने साइज की बोतल को दुकान से मिल जाएगी, बाजू में ही बैठकर चखने के साथ एन्ज्वाय करने की भी सुविधा प्रदान की जाएगी। यानि चखना सेंटरसें में एक बार फिर बहार लौटेगी। इसके साथ ही नए सत्र के नए ठेकों में शौकीनों को उनकी मनपसंद ब्रांड 10 से 200 रुपये तक महंगी मिल सकती है। नई आबकारी नीति के अंतर्गत कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं। पौव्वा से लेकर बोतल तक की कीमतों में 10 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। सामाजिक न्याय व आधिकारिता मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में लगभग 35 प्रतिशत से ज्यादा लोग शराब का शौक रखते हैं। इन आंकड़ों को देखते हुए शौकीनों की सहूलियत और सामाजिक समस्याओं पर नियंत्रण के संतुलन को ध्यान में रखते हुए इंतजाम पर फोकस किया जा रहा है। विभागीय, सूत्रों के अनुसार लगभग सात साल पहले भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में अहाता के लिए तय की कर गई दरों से वर्तमान दर पांच गुना अधिक है।
माफिया पर अंकुश, राजस्व के ग्राफ बढ़ाने पर फोकस, अभी 11,000 करोड़ का लक्ष्य
भाजपा की मौजूदा सरकार ने इसके साथ ही देसी शराब के सिंडीकेट को खत्म करने की दिशा में कदम उठाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत पांच से दस सप्लायरों से ही अनुबंध किया गया है। सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने से जुड़े कदाचार के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए प्रदेश में कहां-कहां पर फिर से अहाता पद्धति शुरू की जाएगी, इसके लिए टेंडर भी सिस्टस जारी किया जा चुका है। प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी विभाग को 11,000 करोड़ रुपये के राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया है। राज्य सरकार नई आबकारी नीति से शासन के राजस्व में बढ़ोतरी के प्रयास में है। इससे देसी शराब दुकानों में दो की जगह पांच से दस प्रकार के नए ब्रांड भी मिलेंगे।