रायपुर। बैकुंठपुर के एक परिवार ने राजधानी रायपुर में खुद के मकान होने का सपना देखा। उन्होंने इसके लिए एक बिल्डर को मोटी रकम भी अदा की। पर पूरी रकम लेकर भी बिल्डर ने वादा पूरा नहीं किया। पीड़ित परिवार चक्कर काटते रहे। आखिर सब्र टूटा और परेशान होकर पीड़ित पक्ष ने छत्तीसगढ़ भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण रायपुर (रेरा) की शरण ली। उनकी शिकायत पर सुनवाई करते हुए प्राधिकरण के रजिस्ट्रार ने फैसला सुनाया है। पीड़ित पक्ष ने 32.43 लाख रुपए बिल्डर को दिए थे। आदेश दिया गया है कि 45 दिन के भीतर अब बिल्डर को ब्याज समेत 50 लाख पीड़ित पक्ष को लौटाने होंगे।
छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के समक्ष बैकुंठपुर के शासकीय आवास एच-टाईप में रहने वाली श्रीमती श्यामवती पटेल पति एसके पटेल ने यह शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने यह शिकायत बिल्डर सौम्या बाजपेयी पिता आशीष बाजपेयी और श्रीमती जया बाजपेयी पति आशीष बाजपेयी के खिलाफ की। रायपुर के ग्राम-भाठागांव स्थित इनके प्रोजेक्ट “चन्द्रा टाउन’ में भूखण्ड क्रमांक-50, क्षेत्रफल 1395 वर्गफीट क्रय किया था। 32 लाख रूपये में क्रय किए गए भूखंड के लिए बिल्डर द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार मकान का निर्माण कार्य पूर्ण कर आवेदिका को आधिपत्य प्रदान किया जाना था। लेकिन उनके द्वारा आज की तिथि तक मकान का आधिपत्य प्रदान नहीं किया गया है। आवेदिका श्रीमती पटेल द्वारा संपूर्ण प्रतिफल की राशि के रूप में 32 लाख 43 हजार रूपए का भुगतान बिल्डर को किया जा चुका है। बावजूद इसके प्रश्नाधीन मकान का अधिपत्य प्राप्त नहीं होने के कारण क्षुब्ध होकर आवेदिका ने प्राधिकरण (रेरा) के समक्ष शिकायत प्रस्तुत किया। आवेदिका की शिकायत पर प्राधिकरण द्वारा दोनों पक्षों की सुनवाई की गई और 5 जून 2024 एक आदेश पारित किया। प्राधिकरण द्वारा आवेदिका समेत पीडित पक्ष को त्वरित न्याय प्रदान किया गया, जिसके निर्णय अनुसार आदेश दिया गया है कि अनावेदकगण, आवेदिका को 32,43,000 रूपये ब्याज अधिनियम की धारा-18, नियम-17 के अधीन ब्याज राशि 17,59,328 रूपये समेत कुल राशि 50,02,328 रूपए 45 दिवस के भीतर संयुक्त रूप से भुगतान करना होगा।