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CG NEWS : विष्णुदेव साय सरकार पर पूर्व सीएम का पलटवार..तो सीएम ने खारिज किया राजस्थान सीएम का दावा.. कोयला माइंस को मंजूरी से इनकार; कहा- ऐसा…

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजस्थान की कोयला खदान को वन विभाग से मंजूरी खतरे में पड़ गई है। सीएम विष्णु देव साय ने हसदेव अरण्य कोल फील्ड में आ रही राजस्थान सरकार की कोयला खदान को वन विभाग से मंजूरी मिलने के दावे को खारिज कर दिया है।

राजस्थान सीएम भजन लाल शर्मा ने 12 जुलाई को सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 91.21 हेक्टेयर फॉरेस्ट लैंड के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। सीएम भजनलाल ने इस अनुमति के लिए विष्णु देव साय का आभार जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया था।

अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने मंजूरी से इनकार कर दिया है। जब साय से मीडिया ने पूछा कि राजस्थान सीएम ने कोयला खदान को वन विभाग की मंजूरी मिलने पर धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा- ऐसा गलती से हो गया होगा उनकी तरफ से।

सतत विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध राजस्थान सरकार….

 

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्‌युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान किए जाने पर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री @vishnudsai जी का समस्त राजस्थान परिवार की ओर से हार्दिक धन्यवाद।

इसके अतिरिक्त, राजस्थान में निर्बाध विद्युत आपूर्ति को सुचारु रूप से स्थापित करने की दिशा में छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री जी से निस्रलिखित मांगों की पूर्ति हेतु सविनय अनुरोध करता हूं: पीईकेबी कोपला खंड से खनन कार्य निरंतर जारी रखने तथा वित्त वर्ष 2024-25 में 18

1. एमटीपीए की उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के लिए आवश्यक 108 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की कटाई करवाकर, एवं वित्त वर्ष 2025-26 से अगले छह वर्षों के खनन कार्यों हेतु आवश्यक 411 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की कटाई के पश्चात, उक्त भूमि को आरवीयूएन को हस्तांतरित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें
2. परसा कोयला खंड पर खनन कार्य प्रारंभ करने हेतु संबंधित भूमि पर वृक्षों की कटाई करवाकर उक्त भूमि को आरवीयूएन को हस्तांतरित करने की व्यवस्था करें।
3. कॅटे एक्सटेंशन कोयता खंड की पर्यावरण स्वीकृति हेतु आवश्यक जन सुनवाई एवं वन विभाग की अनुमति का पंजीकरण छत्तीसगढ़ शासन से अविलंब करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। ‘आपणो अग्रणी राजस्थान के संकल्प के अनुरूप राजस्थान राज्य में निर्वाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत हैं।

 

गहलोत बोले- राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के बयानों में विरोधाभास छत्तीसगढ़ सीएम के इस इनकार के बाद राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों मुख्यमंत्रियों पर सियासी पलटवार किया है। गहलोत ने बयान जारी कर दोनों मुख्यमंत्रियों पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।

गहलोत ने X पर लिखा- यह बेहद ही आश्चर्यजनक है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बयानों में विरोधाभास है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल जी दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत गृहों में कोयले की आपूर्ति के लिए परसा ईस्ट और कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक में वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी है, लेकिन आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कहते हैं कि ऐसी कोई बात ही नहीं है।

यह बेहद ही आश्चर्यजनक है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बयानों में विरोधाभास है। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल जी दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी है पर आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय कहते हैं कि ऐसी कोई बात ही नहीं है।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जनता को इसकी सच्चाई बताई जानी चाहिए। क्या दोनों मुख्यमंत्रियों को अधिकारी इस मुद्दे पर गुमराह कर रहे हैं या दोनों मुख्यमंत्री मिलकर अपने-अपने राजनीतिक हितों के अनुरूप जनता को गुमराह कर रहे हैं। बिजली जैसे जरूरी मुद्दे पर दोनों सरकारों को संवेदनशील होने की आवश्यकता है पर इस तरह की भ्रम फैलाने वाली राजनीति से किसका भला होगा?

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