नई दिल्ली

EC Action : चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई…! निष्क्रिय 474 पार्टियों की मान्यता रद्द…BJP के सहयोगी दलों पर भी एक्शन…यहां देखें List

तमिलनाडु की 42 पार्टियों पर कार्रवाई

नई दिल्ली/तमिलनाडु, 21 सितंबर। EC Action : देशभर में राजनीतिक दलों की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ी और सख्त कार्रवाई की है। आयोग ने पिछले 6 वर्षों से चुनाव न लड़ने और चुनावी खर्च का ब्योरा न देने वाले 474 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को रजिस्टर्ड पार्टियों की सूची से हटा दिया है। इस सफाई अभियान की सीधी चपेट में तमिलनाडु की 42 पार्टियां भी आई हैं।

क्या है मामला?

चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत RUPPs के रिव्यू में पाया कि कई पार्टियां वर्षों से निष्क्रिय हैं। कुछ पार्टियां लगातार 6 साल से कोई भी चुनाव नहीं लड़ी हैं, वहीं कुछ ने चुनावी खर्च का ऑडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं किया। इसी आधार पर आयोग ने देशभर में 474 पार्टियों को सूची से बाहर कर दिया।

तमिलनाडु की 42 पार्टियों पर कार्रवाई

अकेले तमिलनाडु की 42 राजनीतिक पार्टियों की रजिस्ट्रेशन रद्द कर दी गई है। इनमें कई प्रमुख दल भी शामिल हैं, जो डीएमके और बीजेपी के सहयोगी रहे हैं।

इन प्रमुख तमिलनाडु पार्टियों पर हुआ एक्शन

पार्टी का नाम नेता पिछला गठबंधन
मनिथानेया मक्कल काची (MMK) एम.एच. जवाहिरुल्ला डीएमके सहयोगी
कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (KMDK) ई.आर. ईश्वरन डीएमके सहयोगी
तमिलागा मक्कल मुनेत्र कड़गम (TMMK) जॉन पांडियन बीजेपी सहयोगी
मनिथानेया जननायगा काची (MJK) तमीमुन अंसारी पूर्व AIADMK सहयोगी
पेरुंथलाइवर मक्कल काची एन.आर. धनपालन पूर्व AIADMK सहयोगी
इनमें से कुछ पार्टियों ने चुनाव दूसरे दलों के टिकट पर लड़ा था, लेकिन खुद की पार्टी के नाम से कोई चुनाव नहीं लड़ा, जिससे उनका रजिस्ट्रेशन रद्द हो गया

चुनाव आयोग का ‘सफाई अभियान’

बीते दो महीनों में 808 पार्टियों को लिस्ट से हटाया जा चुका है। 359 और दलों की समीक्षा जारी है। अगर वे आवश्यक दस्तावेज पेश नहीं करते, तो कुल 833 पार्टियां हटाई जा सकती हैं।

आयोग की चेतावनी

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि आगे भी जो राजनीतिक दल निर्धारित मापदंडों का उल्लंघन करेंगे, जैसे कि चुनाव न लड़ना, खर्च का ब्यौरा न देना, वार्षिक रिपोर्ट जमा न करना, तो उनके खिलाफ पंजीकरण रद्द करने की कार्रवाई जारी रहेगी। यह फैसला राजनीतिक प्रणाली को साफ करने की दिशा में निर्णायक कदम है।

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